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कुक को 1 करोड़... अपने स्टाफ, कुत्ते के लिए कितना छोड़ गए रतन टाटा, आप भी करेंगे सलाम

रतन टाटा का अपने जर्मन शेफर्ड कुत्ते टीटो के प्रति प्रेम भी उनकी वसीयत में झलकता है. टीटो, जिसे टाटा ने अपने पिछले कुत्ते के नाम पर गोद लिया था, के लिए 12 लाख रुपये छोड़े गए हैं.

कुक को 1 करोड़... अपने स्टाफ, कुत्ते के लिए कितना छोड़ गए रतन टाटा, आप भी करेंगे सलाम
नई दिल्ली:

रतन टाटा का पिछले साल अक्टूबर में निधन हो गया था. लेकिन उनकी उदारता की कहानियों की चर्चा अब भी जारी है. अब उनके वसीयत से एक से एक खुलासे हो रहे हैं. रतन टाटा की वसीयत 23 फरवरी 2022 को लिखी गई थी. उनके वसीयत में घरेलू स्टाफ, ऑफिस कर्मचारियों, दोस्तों और यहां तक कि उनके पालतू कुत्ते के लिए भी कुछ न कुछ छोड़ा गया है.  टाटा ने न केवल अपने करीबियों को आर्थिक सहायता दी है बल्कि उनके द्वारा दिए गए कर्ज को माफ करने का भी निर्देश दिया है.

स्टाफ के लिए 3.5 करोड़ से ज्यादा की राशि
रतन टाटा ने अपने घर और ऑफिस के स्टाफ के लिए लगभग 3.5 करोड़ रुपये छोड़े हैं. इसमें उनके लंबे समय से साथ रहे कुक राजन शॉ को 1 करोड़ रुपये (जिसमें 51 लाख रुपये का कर्ज माफ करना शामिल है), बटलर सुब्बैया कोनार को 66 लाख रुपये (36 लाख रुपये की लोन माफी सहित), और ड्राइवर राजू लियोन को 19.5 लाख रुपये (18 लाख रुपये का कर्ज माफ सहित) शामिल हैं. इसके अलावा, उनकी सेक्रेटरी डेलनाज़ गिल्डर को 10 लाख रुपये, टाटा ट्रस्ट्स के कंसल्टेंट होशी डी मालेसारा को 5 लाख रुपये, अलीबाग बंगले के केयरटेकर देवेंद्र कटमोल्लू को 2 लाख रुपये, और पर्सनल असिस्टेंट दीप्ति दिवाकरन को 1.5 लाख रुपये दिए गए हैं.

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टाटा ने अपनी वसीयत में यह भी निर्देश दिया कि सात साल से अधिक समय तक उनके साथ रहे घरेलू नौकरों के बीच उनकी संपत्ति से 15 लाख रुपये उनके सेवा के वर्षों के अनुपात में बांटे जाएं. इसके साथ ही, पार्ट-टाइम हेल्पर्स और कार क्लीनर्स को 1 लाख रुपये देने का प्रावधान भी किया गया. उनके दो पियन्स गोपाल सिंह और पांडुरंग गुरव को 50-50 हजार रुपये दिए गए, जबकि एक अन्य हेल्पर सरफराज देशमुख का 2 लाख रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया.

पालतू कुत्ते टीटो के लिए 12 लाख रुपये
रतन टाटा का अपने जर्मन शेफर्ड कुत्ते टीटो के प्रति प्रेम भी उनकी वसीयत में झलकता है. टीटो, जिसे टाटा ने अपने पिछले कुत्ते के नाम पर गोद लिया था, के लिए 12 लाख रुपये छोड़े गए हैं. इस राशि से हर तिमाही 30,000 रुपये की व्यवस्था की गई है और उसकी देखभाल का जिम्मा उनके कुक राजन शॉ को सौंपा गया है. 

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दोस्तों और पड़ोसियों के लिए भी उदारता
टाटा ने अपने दोस्तों और पड़ोसियों को भी नहीं भुलाया. उनके एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट शांतनु नायडू का कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में एमबीए के लिए दिया गया 1 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया. इसके अलावा, उनके पड़ोसी जेक मालाइट, जो वर्तमान में स्विट्जरलैंड में प्रैट एंड व्हिटनी में कार्यरत हैं, का यूके की वॉरविक बिजनेस स्कूल के लिए लिया गया 23.7 लाख रुपये का कर्ज भी माफ कर दिया गया. टाटा की संपत्ति का एक-तिहाई हिस्सा (शेयर और अचल संपत्ति को छोड़कर) उनकी पूर्व ताज कर्मचारी मोहिनी दत्ता को दिया गया है.

अंतिम संस्कार का खर्च
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में यह भी सुनिश्चित किया कि उनके ब्रांडेड कपड़े जैसे डैक्स, पोलो, ब्रूक्स ब्रदर्स, ब्रियोनी सूट और हर्मेस टाई एनजीओ के जरिए जरूरतमंदों तक पहुंचें. इसके साथ ही, उनके अंतिम संस्कार और संबंधित खर्चों को उनकी संपत्ति से पूरा करने का निर्देश दिया गया. 

वसीयत में टाटा ने लागू किया कई नियम
टाटा की वसीयत में उनकी दो सौतेली बहनें शिरीन जहांगीर जीजीभॉय और डियाना जीजीभॉय (जिन्हें उनकी शेष संपत्ति का एक-तिहाई हिस्सा मिलेगा), दोस्त मेहली मिस्त्री (जिन्हें अलीबाग बंगला दिया गया), और टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टी डेरियस खंबाटा शामिल हैं.  इसके अलावा, सेशेल्स में उनकी 85 लाख रुपये की जमीन आरएनटी एसोसिएट्स को दी गई है, जो सिंगापुर में पंजीकृत एक फंड है. इस फंड के शेयरधारकों में टाटा ट्रस्ट्स के पूर्व प्रबंध ट्रस्टी आर वेंकटरमण और टाटा टेक्नोलॉजीज के पूर्व सीईओ पैट्रिक मैकगोल्ड्रिक शामिल हैं.

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