भारत ने शनिवार को पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ जारी गतिरोध की जानकारी जापान को दी और बताया कि जब तक इलाके में शांति स्थापित नहीं हो जाती बीजिंग के साथ रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते. चौदहवें भारत-जापान शिखर सम्मेलन के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा की हुई बातचीत के दौरान चीन की दक्षिण और पूर्वी सागर में हठधर्मिता सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
मीडिया को बैठक की जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि भारत ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को पूर्वी लद्दाख की स्थिति के साथ-साथ चीन द्वारा सैनिकों के किए गए जमावड़े और इलाके में कई बार घुसपैठ की कोशिशों से भी अवगत कराया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्पष्ट कर दिया कि जब तक मामले का समाधान नहीं हो जाता और सीमावर्ती इलाके में शांति स्थापित नहीं हो जाती, तब तक हम रिश्तों को सामान्य नहीं समझ सकते हैं. रिश्तों में समान्य स्थिति इस मुद्दे में होने वाली प्रगति पर निर्भर करेगी जिस पर हम चर्चा कर रहे हैं.''
उल्लेखनीय है कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न गतिरोध पर सैन्य स्तर की वार्ता कर रहे हैं.
श्रृंगला ने कहा, ‘‘चर्चा के दौरान चीन का मुद्दा भी आया. दोनों देशों ने एक दूसरे को अपने-अपने रुख से अवगत कराया. हमने जापानी पक्ष को लद्दाख की स्थिति के बारे में सूचित किया...साथ ही सीमा संबंधी मामले पर चीन से हो रही वार्ता के तथ्यों से भी अवगत कराया.''
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