
Coronavirus Testing: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी बीच, एनडीटीवी को बहुत मुश्किल से कोरोना वायरस टेस्टिंग को लेकर कुछ ताजा आंकड़े मिले हैं. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत ने अचानक से कम विश्वसनीय रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) का इस्तेमाल बढ़ा दिया है. कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए RT-PCR टेस्ट को "गोल्ड स्टैंडर्ड" माना जाता है क्योंकि एंटीजन टेस्ट की तुलना में इसके रिजल्ट ज्यादा सटीक हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, दो महीने पहले तक भारत में जितने टेस्ट किए गए थे उनमें 98 प्रतिशत टेस्ट RT-PCR से हुए थे. आज करीब-करीब आधे एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं. भारत में केवल 56 प्रतिशत पीसीआर टेस्ट हो रहे हैं जबकि एंटीजन टेस्ट की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई. ग्राफ देखकर आप यह समझ सकते हैं.

चूंकि एंटीजन टेस्ट में त्रुटि संभावना ज्यादा है. कई मामलों में रैपिड एंटीजन टेस्ट कोरोना पॉज़िटिव मरीजों को भी निगेटिव बताता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी इस समस्या की पहचान की है. ऐसे में यदि केवल आरटी-पीसीआर टेस्ट का इस्तेमाल किया जाए तो कोरोना पॉज़िटिविटी दर के बढ़ने की आशंका है.
रैपिड एंटीजन टेस्ट या RAT टेस्ट की भूमिका को लेकर कोई दुविधा नहीं है कि इसका इस्तेमाल संक्रमितों की पहचान के लिए किया जा रहा है. हालांकि, यदि एंटीजन टेस्ट का रिजल्ट निगेटिव आता है तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. हो सकता है कि जिस व्यक्ति का एंटीजन टेस्ट करने पर रिपोर्ट निगेटिव आई हो वो वास्तव में कोरोना संक्रमित हो.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं