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This Article is From Mar 12, 2022

गांधी जी के आदर्शों से भटक गया था भारत, पीएम मोदी उन्हें वापस लाए : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने एनईपी और सरकारी परियोजनाओं में गांधीवादी आदर्शों को शामिल किया

गांधी जी के आदर्शों से भटक गया था भारत, पीएम मोदी उन्हें वापस लाए : अमित शाह
प्रधानमंत्री मोदी ने एनईपी और सरकारी परियोजनाओं में गांधीवादी आदर्शों को शामिल किया है (फाइल फोटो).
अहमदाबाद:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के साथ-साथ कई सरकारी परियोजनाओं और योजनाओं में महात्मा गांधी के सिद्धांतों को शामिल किया है. शाह ने अहमदाबाद के पालदी इलाके में स्थित कोचरब आश्रम में एक कार्यक्रम को संबोधित किया, जहां वह महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह की 92वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दक्षिण गुजरात के दांडी तक एक साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाने पहुंचे थे. इस रैली के तहत 12 साइकिल चालक दांडी मार्च यात्रा मार्ग से गुजरते हुए महात्मा गांधी के संदेशों का प्रचार-प्रसार करेंगे.

गृह मंत्री ने कहा कि अगर भारत शुरू से ही गांधी के दिखाए रास्ते पर चल रहा होता तो देश को उन अधिकांश समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता, जिनसे वह मौजूदा समय में जूझ रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘समस्या यह है कि हम गांधी के दिखाए रास्ते से भटक गए. प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति में गांधी के आदर्शों को शामिल किया है. मसलन, मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ रोजगारपरक शिक्षा को महत्व देना. प्रधानमंत्री द्वारा सभी गांधीवादी सिद्धांतों को नई शिक्षा नीति में पिरोया गया है.''

मालूम हो कि कोचरब आश्रम भारत में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित पहला आश्रम था. इसे 1915 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तहत स्थापित किया गया था. गांधी इसके बाद अहमदाबाद के साबरमती आश्रम चले गए.

अमित शाह ने कहा, ‘‘नमक सत्याग्रह के दौरान गांवों में रात्रि प्रवास करते समय गांधी ने आम लोगों की समस्याओं को सुना. इन समस्याओं को समझने के बाद उन्होंने समाधान निकाला और उन समाधानों को अपने भाषणों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने भी यही काम किया.''

गृहमंत्री ने कहा, ‘‘अगर आप ग्रामीणों के उत्थान, गांवों को आत्मनिर्भर बनाने और हर घर में बिजली, पानी व शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने से जुड़ी सरकारी योजनाओं पर गौर करेंगे तो आपको उनमें गांधीवादी विचारों तथा आदर्शों की झलक नजर आएगी.''

शाह ने दस साल बाद आश्रम का दौरा करने की बात कहते हुए साइकिल रैली में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों से अपने रात्रि प्रवास के दौरान लोगों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं को समझने और उनके बीच गांधीवादी सिद्धांतों के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया.

महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को नमक उत्पादन पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 80 लोगों के एक समूह के साथ 24 दिवसीय लंबी यात्रा निकाली थी. इस अहिंसक आंदोलन को ‘दांडी मार्च' या ‘नमक सत्याग्रह' के रूप में जाना जाता है.

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