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इस इंजन का इस्तेमाल मालवाहक ट्रेनों में अगले साल से किया जाएगा.
इससे इन ट्रेनों की मौजूदा गति दोगुनी हो जाएगी.
इन्हें मधेपुरा स्थित कारखाने में एसेंबल करने के लिए भेजा जाएगा.
इस इंजन का इस्तेमाल मालवाहक ट्रेनों में अगले साल से किया जाएगा. इससे इन ट्रेनों की मौजूदा गति दोगुनी हो जाएगी.
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एल्सटम द्वारा भेजे गये इंजन के पूर्जों एवं हिस्सों को हल्दिया में उतार लिया गया है. इन्हें मधेपुरा स्थित कारखाने में एसेंबल करने के लिए भेजा जाएगा. उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल ने मधेपुरा स्थित लोकोमोटिव कारखाने में संयुक्त उपक्रम के तहत अगले 11 साल में 800 ऐसे इंजन तैयार करने का करार नवंबर 2015 में किया था. यह रेल विभाग में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है.
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पहले ऐसे इंजन पर करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है. इसे मधेपुरा संयंत्र में एसेंबल किये जाने के बाद इसका ट्रायल अगले साल फरवरी में शुरू किया जाएगा.