फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत को उच्च क्षमता वाला अपना पहला रेल इंजन आज मिल गया. फ्रांस की कंपनी एल्स्टम फ्रांस ने 12 हजार हॉर्स पावर क्षमता वाले पहले इंजन की आपूर्ति कर दी जो कोलकाता बंदरगाह पर पहुंच गया है. इससे उच्च क्षमता वाले लोकोमोटिव का भारत का सपना पूरा होने के करीब पहुंच गया.
इस इंजन का इस्तेमाल मालवाहक ट्रेनों में अगले साल से किया जाएगा. इससे इन ट्रेनों की मौजूदा गति दोगुनी हो जाएगी.
यह भी पढे़ं : यूपी में फिर टला बड़ा रेल हादसा : दो बार टूटी शिवगंगा एक्सप्रेस की कपलिंग, बिना इंजन दौड़ते रहे डिब्बे
एल्सटम द्वारा भेजे गये इंजन के पूर्जों एवं हिस्सों को हल्दिया में उतार लिया गया है. इन्हें मधेपुरा स्थित कारखाने में एसेंबल करने के लिए भेजा जाएगा. उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल ने मधेपुरा स्थित लोकोमोटिव कारखाने में संयुक्त उपक्रम के तहत अगले 11 साल में 800 ऐसे इंजन तैयार करने का करार नवंबर 2015 में किया था. यह रेल विभाग में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है.
VIDEO : चलती ट्रेन से टकराई लड़की, लेकिन बच गई जान
पहले ऐसे इंजन पर करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है. इसे मधेपुरा संयंत्र में एसेंबल किये जाने के बाद इसका ट्रायल अगले साल फरवरी में शुरू किया जाएगा.
इस इंजन का इस्तेमाल मालवाहक ट्रेनों में अगले साल से किया जाएगा. इससे इन ट्रेनों की मौजूदा गति दोगुनी हो जाएगी.
यह भी पढे़ं : यूपी में फिर टला बड़ा रेल हादसा : दो बार टूटी शिवगंगा एक्सप्रेस की कपलिंग, बिना इंजन दौड़ते रहे डिब्बे
एल्सटम द्वारा भेजे गये इंजन के पूर्जों एवं हिस्सों को हल्दिया में उतार लिया गया है. इन्हें मधेपुरा स्थित कारखाने में एसेंबल करने के लिए भेजा जाएगा. उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल ने मधेपुरा स्थित लोकोमोटिव कारखाने में संयुक्त उपक्रम के तहत अगले 11 साल में 800 ऐसे इंजन तैयार करने का करार नवंबर 2015 में किया था. यह रेल विभाग में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है.
VIDEO : चलती ट्रेन से टकराई लड़की, लेकिन बच गई जान
पहले ऐसे इंजन पर करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है. इसे मधेपुरा संयंत्र में एसेंबल किये जाने के बाद इसका ट्रायल अगले साल फरवरी में शुरू किया जाएगा.