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This Article is From Aug 27, 2015

गुरदासपुर में आए आतंकियों के पाकिस्तानी होने के पुख्ता सबूत

गुरदासपुर में आए आतंकियों के पाकिस्तानी होने के पुख्ता सबूत
गुरदासपुर आतंकी हमले का फाइल फोटो।
नई दिल्ली: जिन तीन आतंकवादियों ने गुरदासपुर में हमला किया था वे पाकिस्तान के सरगोड़ा इलाके से आए थे। जांच में पुलिस को आतंकवादियों के पाकिस्तान के नागरिक होने के कई सबूत मिले हैं। मसलन जो जूते आतंकवादियों ने पहने हुए थे वे 'चीता' ब्रांड के थे। यह ब्रांड पाकिस्तान का एक मशहूर ब्रांड है।  

भारत ने जो डोसियर पाकिस्तान के लिए तैयार किया था उसमें लिखा है कि जो जीपीएस आतंकवादियों से मिले थे उसके यह साफ हुआ कि आतंकवादी पाकिस्तान के सरगोड़ा इलाके, जो कि कैनाल रोड शाहपुर साहिवाल रोड के नजदीक है, वहां से आए थे। यह बात टेक्निकल रिपोर्ट में भी लिखी गई है।

भारत को यह सबूत पाकिस्तान को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बैठक के दौरान देने थे। गुरदासपुर पर हमला 27 जुलाई को हुआ था, जिसमें सात लोग मारे गए थे। सबूत सिर्फ यही नहीं आतंकवादियों के जूतों में चीता लिखा हुआ है और ऐसा कोई ब्रांड भारत में नहीं है, बल्कि पाकिस्तान में यह एक मशहूर ब्रांड है।

जांच से जुड़े अफसरों का कहना है कि तीन आतंकवादी राबी नदी को पार करके भारत पहुंचे थे। उनके मुताबिक ताश नाम की जगह, जो कि मस्तगढ़ नाम के एक गांव के पास है, वहां से यह लोग आए थे। यह जगह नरोट जैमल सिंह नाम के पुलिस स्टेशन के तहत आती है, जो कि गुरदासपुर में है।

तीन आतंकवादियों का पोस्ट मोर्टम बोर्ड ऑफ डॉक्टर्स ने किया था। आतंकवादियों के कपड़ों पर कोई लेबल नहीं था। माना
जा रहा है ये उन्होंने अपनी पहचान छुपाने के मकसद से यह किया था। जो राकेट लांचर उनके पास था वह यूगोस्लाविया का था। उस पर czech रिपब्लिक के मार्क्स थे। हालांकि जो असला उन्होंने इस्तेमाल किया वह चीन, रूस, यूक्रेन और czech रिपब्लिक के थे, ऐसा फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का मानना है।

आतंकवादियों के पास जो 'एके 56' थीं उस पर निशान मिटाए गए थे, लेकिन फॉरेंसिक जांच के बाद पता चला की वे चीनी डिज़ाइन की थीं। जबकि जीपीएस के एनालिसिस के बाद पता चला की वे या तो ताइवान या फिर अमेरिकी हो सकती हैं। और जो दो सेट्स थे वे कुछ समय इंग्लैंड में भी रहे। फॉरेंसिक जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि जो ड्यूरासेल की बैटरी आतंकवादियों ने इस्तेमाल की थीं वे भी भारतीय नहीं थीं।

27 जुलाई को तीन आतंकवादियों ने एक बस पर हमला किया था। फिर वे एक पुलिस स्टेशन में घुस गए थे। इस पूरे हमले में सात लोग मारे गए थे जिनमें एक सुपरिंटेंडेंट भी था। पूरे दिन चले अभियान के बाद तीनों आतंकवादी मारे गए थे। हालांकि केंद्र सरकार  ने आर्मी और एनएसजी भी भेजी थी लेकिन पूरी कार्रवाई पंजाब के एसडब्लूटी कमांडोज ने की थी।

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