एक साल पहले इस वक्त भारत में कोरोनावायरस का प्रसार हो चुका था, कई शहरों में मामले सामने आ गए थे और अगले कुछ ही दिनों में लॉकडाउन लगने वाला था. हां, यह बात हमें नहीं पता थी. जब लॉकडाउन लगा तो हमें यह कुछ हफ्तों का मामला लगा था, लेकिन एक साल हो चुके हैं और कोरोना अभी तक यही है, दरअसल, पिछले कुछ महीनों में मिली राहत के बाद अब दूसरी लहर में बदलता दिखाई दे रहा है. देश के कई जिलों में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि आई है. वैक्सीनेशन के बीच बढ़ रहे मामलों को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है. स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की और कहा कि हमें अभी उतनी ही गंभीरता दिखाने की जरूरत है, जितनी हम एक साल से दिखाते रहे हैं.
जानें जरूरी बातें
- बुधवार को पीएम की मीटिंग में कोरोना पर जो आंकड़े पेश किए थे, उसमें बताया गया था कि देश में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और पंजाब की है. अधिकारियों ने बताया कि देश के 70 जिलों में 150 फीसदी से ज्यादा कोरोना बढ़ा है. इनमें से ज्यादातर जिले पश्चिमी भारत में हैं.
- दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में लगभग 3000 नए केस सामने आ चुके हैं. ऐसे में आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में सरकार कुछ इलाकों में कड़े प्रतिबंध लागू करने पर फैसला ले सकती है. बुधवार को दिल्ली में 500 से ज्याद मामले सामने आए थे.
- सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति महाराष्ट्र की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 60 फीसदी से ज्यादा कोरोना के एक्टिव मामले अकेले महाराष्ट्र में है. मंत्रालय के अनुसार, कोरोना के 60 फीसदी एक्टिव केस और कोरोना संक्रमण के चलते हो रही मौजूदा मौतों में से 45.4 फीसदी मौतें महाराष्ट्र से हैं.
- यहां बुधवार को एक दिन में 23 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. राज्य में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 23,179 नए मामले सामने आए हैं, वहीं इस अवधि में 84 लोगों की जान गई है. एक दिन में 9,138 लोग रिकवर कर चुके हैं. अब तक कुल 21,63,391 मरीज रिकवर हो चुके हैं. राज्य में रिकवरी रेट 91.26%है.
- मुंबई में भी कोरोना के मामलों में तेजी आई् है. बुधवार को मुंबई में कोरोना के 2377 मामले सामने आए जबकि आठ लोगों की मौत इस संक्रमण के कारण हुई है. वहीं, पालघर जिला प्रशासन ने सरकारी और अनुदानित स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है. सरकारी आश्रम शाला और छात्रावास को भी अनिश्चित काल के लिए बंद करने की घोषणा की गई है. ये आदेश 22 मार्च से अगले आदेश तक लागू होगा, लेकिन 10 वीं और 12वीं के छात्रों को हॉस्टल में रहने की छूट होगी.
- दिल्ली में भी महामारी के मामलों में इजाफा हुआ है. बुधवार शाम तक बीते 24 घंटों में 536 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान तीन मरीजों की मौत हुई. दिल्ली में फिलहाल 2702 एक्टिव मामले हैं, जोकि 15 जनवरी के बाद सबसे ज्यादा हैं.
- गुजरात में भी मामले बढ़े हैं. यहां बुधवार को कोविड 1,122 नए मामले सामने आए. पिछले तीन महीने में पहली बार एक दिन में एक हजार से अधिक मामले आए हैं. राज्य में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,81,173 हो गई है. 21 दिसंबर को रोजाना आने वाले नए मामलों की संख्या एक हजार के नीचे चली गई थी लेकिन फरवरी के आखिरी हफ्ते से मामलों में फिर से वृद्धि देखने को मिली.
- उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिली है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बुधवार को कोरोना प्रसार को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही यह गाइडलाइन भी रखी गई है कि बाजार, मॉल, सिनेमाघरों में बिना मास्क के प्रवेश नहीं मिलेगा.
- गाजियबाद में बिना अनुमति के कोई कार्यक्रम नहीं होंगे. कार्यक्रम में 50 प्रतिशत लोग ही उपस्थित होंगे. अंतिम संस्कार, शव यात्रा में 200 से ज्यादा लोग नहीं जा सकेंगे. बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं घर पर ही रहें. स्कूल, कॉलेजों में गाइडलाइन का ध्यान रखना होगा. वहीं, रेस्टोरेंट आदि में अंदर बैठकर नहीं खिलाया जाएगा.
- वहीं दूसरी ओर दूसरे चरण का वैक्सीनेशन जारी है. बुधवार शाम 7 बजे तक कोरोना टीके की 3,64,67,744 खुराक दी गई हैं. इनमें 75,47,958 स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं. स्वास्थ्यकर्मियों में 46,08,397 को दूसरी खुराक भी लग चुकी है. इसके अलावा 76,63,647 अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों को टीका लगाया गया है, जिनमें से 17,86,712 कर्मी दूसरी खुराक ले चुके हैं.