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This Article is From Sep 10, 2020

LAC पर तनाव के बीच मॉस्‍को में मिले भारत और चीन के विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar)और उनके चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) के बीच हुई इस मुलाकात को सीमा पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की कवायद केा तौर पर देखा जा रहा है.

LAC पर तनाव के बीच मॉस्‍को में मिले भारत और चीन के विदेश मंत्री
एस. जयशंकर ने हाल ही में एलएसी पर‍ स्थिति को बेहद गंभीर बताया था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

India-China Standoff: लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) के पास भारत और चीन के बीच तनाव के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रियों (External Affairs Minister) के बीच आज रूस के मॉस्‍को शहर में मुलाकात हुुुई. विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar)और उनके चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) के बीच बैठक करीब दो घंटे चली. इस मुलाकात को सीमा पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. दोनों देशों के विदेश मंत्री  इस समय शंघाई को-ऑपरेशन आर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक के सि‍लसिले में इस समय मॉस्‍को में हैं. इससे पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच भी मॉस्‍को में मुलाकात हो चुकी है.

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गौरतलब है कि विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में पूर्वी लद्दाख के हालात को ‘बहुत गंभीर' करार दिया था और कहा था कि ऐसे हालात में दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर ‘बहुत बहुत गहन विचार-विमर्श' की जरूरत है. जयशंकर और वांग के बीच यह बातचीत ऐसे वक्त में हुई है जब सीमा पर तनाव अपने चरम पर है. हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टकराव के दौरान हवा में गोलियां चलाने का आरोप लगाया था. LAC पर 45 साल बाद ऐसा हुआ है जब किसी भी पक्ष की तरफ से गोलियां चलाई गईं हों. 

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भारतीय थल सेना ने कहा था कि चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के करीब सात सितंबर की शाम भारतीय मोर्चे के नजदीक आने की कोशिश की और हवा में गोलियां भी चलाईं. इससे पहले PLA ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने LAC पार की और पैंगोंग झील के पास वॉर्निंग फायर किए. पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा के हालातों को बेहद गंभीर बताते हुए कहा था कि राजनीतिक स्तर पर बहुत गहन विचार विमर्श की जरूरत है. बताते चलें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को संघर्ष में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव काफी बढ़ गया था. चीनी जवान भी हताहत हुए लेकिन पड़ोसी देश ने उनका ब्योरा नहीं दिया. अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के भी 35 जवान मारे गये. विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘सीमा पर अगर अमन-चैन नहीं रहता तो बाकी रिश्ते जारी नहीं रह सकते क्योंकि स्पष्ट रूप से संबंधों का आधार शांति ही है.' 

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