नई दिल्ली:
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का आज स्वर्ण जयंती समारोह मनाया जा रहा है। पूरा देश शहीदों को याद कर रहा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज सुबह 11 बजे इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और पुष्प अर्पित किए। इस दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी यहां उपस्थित थे, जिन्होंने भी 1965 की लड़ाई में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पाकिस्तान के खिलाफ 1965 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने पर देश के बहादुर जवानों को आज श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए हर बाधा को पार किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, '1965 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने पर मैं उन सभी साहसी जवानों को नमन करता हूं जो युद्ध में हमारी मातृभूमि के लिए लड़े।'
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'हमारे सैन्य बलों का साहस और उनकी बहादुरी प्रेरणादायी है। उन्होंने हर बाधा पार की और भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा की।' उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेहतरीन नेतृत्व को भी याद किया और कहा कि उन्होंने 1965 में आगे बढ़कर युद्ध में देश का नेतृत्व किया और वह राष्ट्र की ताकत का मुख्य स्रोत थे।
पांच महीनों तक चली इस जंग में हमारे क़रीब 3,000 जवान शहीद हुए थे। हमारे सैनिकों ने बहादुरी का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर शिकस्त दी थी। बाद में संयुक्त राष्ट्र के दख़ल के बाद दोनों देश युद्धविराम पर राज़ी हुए थे। ताशकंद में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था।
हालांकि लेकिन इस जंग में अपनी जान पर खेलने वाले सैनिक और शहीद हुए जवानों के परिवार इस कार्यक्रम से दूर रहे। यह कार्यक्रम 22 सितंबर तक चलेगा। हालांकि सर्विंग सैनिकों ने इस समारोह में भाग लिया।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पाकिस्तान के खिलाफ 1965 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने पर देश के बहादुर जवानों को आज श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए हर बाधा को पार किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, '1965 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने पर मैं उन सभी साहसी जवानों को नमन करता हूं जो युद्ध में हमारी मातृभूमि के लिए लड़े।'
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'हमारे सैन्य बलों का साहस और उनकी बहादुरी प्रेरणादायी है। उन्होंने हर बाधा पार की और भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा की।' उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेहतरीन नेतृत्व को भी याद किया और कहा कि उन्होंने 1965 में आगे बढ़कर युद्ध में देश का नेतृत्व किया और वह राष्ट्र की ताकत का मुख्य स्रोत थे।
पांच महीनों तक चली इस जंग में हमारे क़रीब 3,000 जवान शहीद हुए थे। हमारे सैनिकों ने बहादुरी का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर शिकस्त दी थी। बाद में संयुक्त राष्ट्र के दख़ल के बाद दोनों देश युद्धविराम पर राज़ी हुए थे। ताशकंद में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था।
हालांकि लेकिन इस जंग में अपनी जान पर खेलने वाले सैनिक और शहीद हुए जवानों के परिवार इस कार्यक्रम से दूर रहे। यह कार्यक्रम 22 सितंबर तक चलेगा। हालांकि सर्विंग सैनिकों ने इस समारोह में भाग लिया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं