कोरोना संकट से जूझ रहे भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की बात ऊर्जा का काम करेगी. दरअसल यूएन प्रमुख एटोनियो गुटरेस ने कहा है कि भारत पूरी दुनिया में पर्यावरण और स्वच्छ उर्जा के मामले में सच्चा सुपर पावर बन सकता है. उन्होंने कहा कि भारत अपने स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण अभियान के मामले में वैश्विक रूप से अगुवा बन सकता है. अगर वह जमीन से निकलने वाले ईंधन से शिफ्ट होकर अक्षय ऊर्जा की जाता है. उन्होंने कहा, भारत इस मामले में वैश्विक स्तर पर सच्चा सुपर पावर बन सकता है. गुटरेस ने कहा कि कोरोना वायरस और पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं ने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि पूरी दुनिया के लोगों के कैसे इन महामारियों से बचाया जाए.
संयुक्त प्रमुख ने कहा कि आज युवा स्थाइत्व, समानता और सामाजिक न्याय को लेकर साहसी कदम उठाने का ओर देख रहे हैं. उन्होंने कहा, 'स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण पर एक मजबूत अगुवा आज के वक्त की जरूरत है. मैं इसके लिए भारत को नेता बनने के लिए आह्वान करता हूं जो कि हमारी जरूरत है'. ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) की ओर से आयोजित दरबारी सेठ मेमोरियल व्याख्यान को वर्चुअली संबोधित करते हुए एंटोनियो गुटरेस ने कहा कि आज के इस समय अहम समय जब संयुक्त राष्ट्री स्थापना के 75वां साल मना रहा है, भारत के पास अहम भूमिका निभाने का मौका है.
वहीं इसी कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और महामारी को लेकर वैश्विक प्रतिक्रियाएं तब उभर कर सामने आई हैं जबकि पर्याप्त व्यवधान हैं. अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों को आतंकवाद को समर्थन देने वाले ढांचों को समाप्त करने के लिए आवश्यक तंत्र बनाने चाहिए. ऐसे देश जिन्होंने आतंकवाद का उत्पादन निर्यात के लिए किया है, वे खुद को आतंकवाद पीड़ित दिखाने की कोशिश करते है आतंकवाद एक कैंसर है,जो संभवत: सभी को प्रभावित करता है ठीक उसी प्रकार जैसे वैश्विक महामारी संपूर्ण मानवता को प्रभावित करती है
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