पाकिस्तान के जेल में बंद भारत के रिटायर्ड नेवी अफसर कुलभूषण जाधव के काउंसुलर एक्सेस (Kulbhushan Jadhav Case) को लेकर एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान से बात की है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से कहा है कि कुलभूषण जाधव के मामले में बिना किसी बाधा के काउंसुलर एक्सेस (Consular Access) दे. विदेश मंत्रालय की तरफ़ से गुरुवार को एक ब्रीफ़िंग में आधिकारिक तौर पर इसपर बयान दिया जाएगा.
बता दें कि भारत की मांग रही है कि जाधव से भारत के दो अधिकारियों को मिलने दिया जाए. बातचीत की भाषा अंग्रेज़ी न तय की जाए और वकील भी पाकिस्तान से बाहर का करने दिया जाए. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ही दावा किया था कि रिव्यू पिटीशन फ़ाइल करने की पेशकश कुलभूषण जाधव ने ठुकरा दी है और वे अपनी दया याचिका पर ही ज़ोर देना चाहते हैं. पाकिस्तान ने रिव्यू पिटीशन दाख़िल करने के लिए 20 जुलाई की समय सीमा तय कर रखी है. पाकिस्तान का कहना है कि सैन्य अदालत के फैसले की समीक्षा के लिए जो 20 मई को जो अध्यादेश लाया गया था उसके तहत दो महीने के भीतर ही रिव्यू पिटीशन दाख़िल किया जा सकता है.
लेकिन भारत ने इसे पाकिस्तान की एक और चाल बताया है. बिना सुनवाई फांसी की सज़ा सुना दिए जाने के बाद पाकिस्तान तभी रुका जब भारत ने अंतराष्ट्रीय अदालत का दरवाज़ा खटखटाया. वहां भारत को जीत मिली. पाकिस्तान को आदेश दिया गया कि वह अंतराष्ट्रीय संधियों के अनुरूप कुलभूषण जाधव को काउंसुलर एक्सेस दे और मामले की समीक्षा भी करे.
भारत का कहना है कि नेवी के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान ले जाया गया. वहां उन्हें जासूसी और आतंकवाद के झूठे मुकदमे में फंसाकर मौत की सज़ा सुना दी गई. सैन्य अदालत न जाधव को बचाव का कोई मौका भी नहीं दिया. पाकिस्तान अगर अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्देशों का उचित रूप से पालन नहीं करता है तो भारत फिर अंतराष्ट्रीय अदालत के पास शिकायत लेकर जाएगा. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय अदालत के फ़ैसले के अनुरूप काम नहीं कर रहा और आंख में धूल झोंकने की कोशिश कर रहा है.
पाकिस्तान ने एक बार जो काउंसुलर एक्सेस दिया भी तो इतनी तरह की बाधाएं खड़ी कर दी कि जाधव अपनी बात कह नहीं पाए. भारत का कहना है कि जाधव को अपने दबाव और प्रताड़ना में रखकर पाकिस्तान उनसे मनचाही बातें करवाता है. पाकिस्तान के इस दावे को भारत ने नाटक करार देते हुए कहा कि जाधव को अधिकार छोड़ने के लिए 'मजबूर' किया गया है.
बता दें कि जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. बाद में भारत जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान करने से इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंचा था, जहां पर उसके पक्ष में फैसला आया था. आईसीजे ने पाकिस्तान से जाधव की सजा की समीक्षा करने और उन्हें जल्द से जल्द काउंसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया था. तब से भारत इस आदेश को लागू कराने की कोशिश में पाकिस्तान के संपर्क में बना हुआ है.
Video: कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से किया इंकार
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