खास बातें
- सेना में शामिल नया धुरंधर ध्रुव हेलीकॉप्टर जिसकी क्षमता के आगे आतंकियों के हौसले पस्त होते नज़र आते हैं जबकि सेना का इरादा और मजबूत हुआ है।
नई दिल्ली: सेना में शामिल नया धुरंधर ध्रुव हेलीकॉप्टर जिसकी क्षमता के आगे आतंकियों के हौसले पस्त होते नज़र आते हैं जबकि सेना का इरादा और मजबूत हुआ है।
जैसे ही किसी इलाके में आतंकियों की हलचल या मौजूदगी की भनक मिलती है ये किसी बाज की तरह उनपर कहर बनकर टूट पड़ता है। इस बात का फर्क नहीं पड़ता कि दिन के हालात हैं या रात मौसम के मिजाज से बिलकुल बेअसर दुश्मन कहीं भी रहे ध्रुव के रहते बच नहीं सकता।
लेफ्टिनेंट कर्नल धनजंय एम भोसले का कहना है कि पहले थल सेना के लिए जंगल और पहाड़ रुकावट थे। अब ये सारे हालात हमारे लिये एडवांटेज बन गए हैं।
वैसे जम्मू कश्मीर में आतंक विरोधी अभियान से लेकर सरहद पर 60 के करीब ध्रुव लगातार मिशन में लगा हुआ है। सबसे अहम बात है कि देसी हेलीकॉप्टर में ज्यादातर पुर्जे भी देश में ही बने है। ध्रुव को उड़ाने वाले पायलट किसी से कम नहीं हैं।
चाहे कमांडोज को जंगल में उतारना हो या फिर उन्हें कार्रवाई करके बाहर निकालना, सारा काम अब मिनटों में हो जाता है। कर्नल सुनील दास कहते हैं कि ये सेना में हमारे थल सैनिक को हर तरह की मोबिलिटी देता है, दुश्मन से जीत छीन सकता है। सेना का ये देसी हथियार कॉम्बेट ऑपरेशन में नहीं लगा है लेकिन जरूरत पड़ने पर आम आदमी से लेकर सेना की जवानों की मदद भी करता है।