नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपना प्रदर्शन तेज करते हुए पंजाब के किसानों ने बृहस्पतिवार से अनिश्चितकालीन ‘रेल रोको' आंदोलन शुरू करते हुए आज राज्य में कई जगहों पर ट्रेन की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया. किसानों ने भाजपा नेताओं के घरों के बाहर धरना भी दिया. इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज करने के लिए 31 किसान संघ एकजुट हुए हैं और उन्होंने एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल रोको आंदोलन चलाने की घोषणा की है.
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केन्द्र पर दबाव बनाने के लक्ष्य से राज्य में 30 जगह ट्रेन की पटरियां अवरुद्ध की हुई हैं. भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने बताया कि उनके संघ ने ढाबलां (पटियाला), सुनाम (संगरुर), बुल्ढ़ाना (मानसा) और गिद्दरबाहा (मुक्तसर) में पटरियां अवरूद्ध की हैं.
अन्य किसान संघों ने बरनाला, भटिंडा फरीदकोट, गुरदासपुर, रुपनगर, फिल्लौर, मोगा और अन्य जगहों पर ट्रेनों का रास्ता अवरुद्ध किया है. किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसान 24 सितंबर से ही अमृतसर और फिरोजपुर में पटरियों पर बैठे हुए हैं. दर्शन पाल ने बताया कि किसानों ने अमृतसर में भाजपा के पूर्व प्रदेशअध्यक्ष शावित मलिक के आवास सहित पार्टी के कई नेताओं के घरों के बाहर धरना दिया.
पाल ने बताया कि किसानों ने आबोहर से भाजपा विधायक अरुण नारंग, भाजपा नेताओं सुनीता गर्ग के आवास पर कोटकपुरा, लुधियाना के पयाल में बिक्रमजीत सिंह चीमा और संगरुर में सतवंत सिंह पुनिया के आवास के बाहर धरना दिया. कोकरीकलां ने बताया कि किसान संगरुर, बरनाला, मोगा और गुरदासपुर में टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं, वे कुछ कॉरपोरेट हाउसों के पेट्रोल पंपों और शॉपिंग मॉल के बाहर भी धरना दे रहे हैं. किसानों ने राज्य में कुछ कॉरपोरेट हाउसों और उनकी बनायी चीजों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.
किसानों का कहना है कि केन्द्र सरकार इन ‘‘काले कानूनों'' के जरिए कुछ कॉरपोरेट हाउसों को ‘‘लाभ'' पहुंचाना चाहती है. बीकेयू(दाकुंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि नए कानूनों के विरोध में किसानों के 31 संगठन 27 जगह पर धरना दे रहे हैं.
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