पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, 'हमें अब भी अंधेरे में रखा गया है'

All-Party Meet On Ladakh Clash: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि 'हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथा स्थिति हर हालत में सुनिश्चित होगी. चीन पहले की तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा.'

नई दिल्ली:

All-Party Meet On Ladakh Clash: लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प (Ladakh Clash) के मुद्दे पर पीएम मोदी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (All-Party Meet) में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि 'हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथा स्थिति हर हालत में सुनिश्चित होगी. चीन पहले की तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा. ये बातें उन्होंने सर्वदलीय बैठक में अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि वास्तव में, इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है. उन्होंने सरकार से कुछ सवाल भी पूछे.

- चीनी सेनाओं ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र में किस तारीख़ को घुसपैठ की?
- सरकार को हमारे क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बारे कब जानकारी हुई?
- खबरों की मानें तो घुसपैठ 5 मई को हुई, क्या यह सही है, या फिर घुसपैठ उसके बाद हुई?
- क्या सरकार को, नियमित रूप से, हमारे देश की सीमाओं की सैटेलाइट तस्वीरें नहीं मिलती हैं?
- क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की जानकारी नहीं दी?
- क्या सेना की इंटेलिजेंस ने सरकार को LAC पर चीनी कब्जे और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे सचेत नहीं किया? 
- क्या सरकार यह स्वीकार करेगी कि यह खुफिया नाकामी है?

सोनिया गांधी ने कहा, 'मेरे विचार से यह बैठक सरकार को लद्दाख और अन्य जगहों पर चीनी घुसपैठ की 5 मई, 2020 को खबरें मिलने के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी. हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम में अपना पूरा सहयोग देता. खेद इस बात का है कि ऐसा नहीं हुआ.'

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उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि 5 मई से लेकर 6 जून के बीच का बहुमूल्य समय हमने गंवा दिया, जब दोनों देशों के कोर कमांडर्स की बैठक हुई. 6 जून की इस बैठक के बाद भी, चीन के नेतृत्व से राजनैतिक ओर कूटनीतिक स्तरों पर सीधे बात क्यों नहीं की गई? हम सभी मौकों का लाभ उठाने में नाकाम रहे. आज परिणाम यह है कि हमारे 20 बहादुर जवानों की दर्दनाक शहादत हुई ओर अनेकों घायल हुए. मैं प्रधानमंत्री जी से आग्रह करती हूं कि वो हमसे सभी जानकारी साझा करें और इस साल अप्रैल से लेकर आज तक के सारे हालात की जानकारी दें.'