अमित शाह (फाइल फोटो)
गुवाहाटी:
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को यहां कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बांग्लादेशी घुसपैठ मुद्दे का हल पड़ोसी देश के साथ किसी समझौते के अभाव में नहीं कर सके थे।
समझौता न होने से नहीं हो सकी बाड़बंदी
शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा उस समय बांग्लादेश के साथ कोई समझौता (भूमि सीमा समझौता) नहीं था। इसलिए सीमा पर बाड़बंदी का काम पूरा नहीं हो सका। अब समझौता है।’ उनसे सवाल किया गया था कि केंद्र में वाजपेयी नीत भाजपा सरकार और प्रफुल्ल कुमार महंत के नेतृत्व में राज्य में दो बार रही अगप सरकार के दौरान भी मुद्दे का हल क्यों नहीं हो सका।
सिर्फ असम सरकार नहीं सुलझा सकती समस्या
शाह ने कहा, ‘घुसपैठ समस्या के हल के लिए, केंद्र और राज्य दोनों स्थानों पर भाजपा की सरकार चाहिए। सिर्फ असम सरकार से इसका समाधान नहीं हो सकता।’ शाह ने हालांकि अवैध प्रवासियों के निर्वासन पर प्रतिबद्धता जताने से इंकार किया और कहा, ‘सत्ता में आने के बाद, हम सीमा को पूरी तरह से बंद करेंगे और एनआरसी को अद्यतन बनाने की प्रक्रिया तेज करेंगे। निर्वासन असम, भारत और बांग्लादेश की सरकारों के बीच संयुक्त समझौते से करना होगा। सिर्फ असम सरकार इसे नहीं कर सकती।’ उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नीत गठबंधन असम में सत्ता में आती है तो घुसपैठ रोकने के लिए सरकार अगले तीन महीनों के अंदर एक तंत्र स्थापित करेगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
समझौता न होने से नहीं हो सकी बाड़बंदी
शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा उस समय बांग्लादेश के साथ कोई समझौता (भूमि सीमा समझौता) नहीं था। इसलिए सीमा पर बाड़बंदी का काम पूरा नहीं हो सका। अब समझौता है।’ उनसे सवाल किया गया था कि केंद्र में वाजपेयी नीत भाजपा सरकार और प्रफुल्ल कुमार महंत के नेतृत्व में राज्य में दो बार रही अगप सरकार के दौरान भी मुद्दे का हल क्यों नहीं हो सका।
सिर्फ असम सरकार नहीं सुलझा सकती समस्या
शाह ने कहा, ‘घुसपैठ समस्या के हल के लिए, केंद्र और राज्य दोनों स्थानों पर भाजपा की सरकार चाहिए। सिर्फ असम सरकार से इसका समाधान नहीं हो सकता।’ शाह ने हालांकि अवैध प्रवासियों के निर्वासन पर प्रतिबद्धता जताने से इंकार किया और कहा, ‘सत्ता में आने के बाद, हम सीमा को पूरी तरह से बंद करेंगे और एनआरसी को अद्यतन बनाने की प्रक्रिया तेज करेंगे। निर्वासन असम, भारत और बांग्लादेश की सरकारों के बीच संयुक्त समझौते से करना होगा। सिर्फ असम सरकार इसे नहीं कर सकती।’ उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नीत गठबंधन असम में सत्ता में आती है तो घुसपैठ रोकने के लिए सरकार अगले तीन महीनों के अंदर एक तंत्र स्थापित करेगी।
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