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This Article is From Mar 08, 2021

तमिलनाडु में ओवैसी ने दिनाकरन की पार्टी से मिलाया हाथ, इन सीटों पर लड़ेगी चुनाव 

Asaduddin Owaisi ने पूर्व केंद्रीय मंत्री टीटीवी दिनाकरन की पार्टी एएमएमके के साथ गठबंधन किया है. गठबंधन के तहत एआईएमआईएम 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 

तमिलनाडु में ओवैसी ने दिनाकरन की पार्टी से मिलाया हाथ, इन सीटों पर लड़ेगी चुनाव 
AIMIM तमिलनाडु में 3 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी
नई दिल्ली:

Tamilnadu Assembly Election :असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM तमिलनाडु में भी विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ओवैसी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री टीटीवी दिनाकरन की पार्टी एएमएमके के साथ गठबंधन किया है. गठबंधन के तहत एआईएमआईएम 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 

दिनाकरन (TTV Dinakaran) के इस फैसले के साथ ही तय हो गया है कि सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के साथ उसकी पार्टी का गठबंधन नहीं होगा. दिनाकरन एआईएडीएमके के नेता रहे हैं और शशिकला के भतीजे हैं. जयललिता की मौत के बाद उन्होंने अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम नाम की पार्टी बनाई थी. साथ ही जयललिता की सीट राधा कृष्णन नगर पर हुए उपचुनाव में दिनाकरन ने एआईएडीएमके (AIADMK) के उम्मीदवार को रिकॉर्ड मतों से हराया था.    

ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव लड़ रही है, हालांकि फुरफुरा शरीफ के इंडियन सेकुलर फ्रंट से गठबंधन न होने से पार्टी को झटका लगा है. इससे पहले बिहार में ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटें जीतकर संकेत दे दिया है कि वे दूसरे राज्यों में भी दस्तक देंगे. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में ओवैसी ओम प्रकाश राजभर के दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से हाथ मिलाकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.

समझौते के तहत AIMIM वानियांबिडी, कृष्णागिरि और संकरापुरम सीटों पर चुनाव लड़ेगी. एआईएमआईएम पहले डीएमके-कांग्रेस के गठबंधन के साथ जुड़ने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उस गठबंधन में पहले ही एक मुस्लिम पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के तौर पर मौजूद थी. इस कारण ओवैसी को सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली.दिनाकरन की पार्टी चुनाव में एआईएडीएमके को तगड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.

भ्रष्टाचार के आरोपों में 4 साल जेल के बाद शशिकला को एआईएडीमके के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था.  जबकि एआईएडीएमके के भीतर पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम के गुट के बीच समझौता हो गया और दिनाकरन को दरकिनार कर दिया गया था. दिनाकरन की पार्टी लोकसभा चुनाव में कोई सीट तो नहीं जीत पाई थी,लेकिन 8.46 फीसदी वोट हासिल कर उसने एआईएडीएमके को भारी नुकसान पहुंचाया और वह एक भी सीट नहीं जीत सकी.

बीजेपी ने दिनाकरन की पार्टी को एआईएडीएमके के खेमे में लाने की पुरजोर कोशिश की,लेकिन पलानीस्वामी को आशंका है कि विलय के बाद शशिकला पार्टी पर कब्जा करने की कोशिश कर सकती हैं. बीजेपी का मानना है कि दिनाकरन की पार्टी 40 सीटों पर नुकसान पहुंचा सकती है.  

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