मानवता में यकीन रखने वाले आतंकवाद को हराने के लिए साथ आएं : नैरोबी में बोले पीएम मोदी

मानवता में यकीन रखने वाले आतंकवाद को हराने के लिए साथ आएं : नैरोबी में बोले पीएम मोदी

खास बातें

  • प्रधानमंत्री ने करीब 20 हजार भारतीयों को संबोधित किया
  • आतंकवाद और वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी को दो सबसे बड़ी समस्याएं बताया
  • भाषण के दौरान लगे 'मोदी मोदी' के नारे
नैरोबी:

आतंकवाद को दुनिया के सामने खड़ी दो बड़ी चुनौतियों में से एक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाली सभी ताकतों को इस 'मानवता विरोधी' समस्या को पराजित करने के लिए साथ आना होगा।

भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद भारत आर्थिक प्रगति की ओर बढ़ रहा है और उनकी सरकार का लक्ष्य आठ फीसद की विकास दर हासिल करना है जो फिलहाल 7.6 फीसद है। करीब एक घंटे के भाषण के दौरान वहां मौजूद लोग बार बार 'मोदी मोदी' के नारे लगा रहे थे।

मोदी ने दो साल के दौरान भारत में आम लोगों की जिंदगी बदलने और उनके 'सपनों' को पूरा करने के लिए अपनी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।

यहां के केसरानी स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी के साथ कीनियाई राष्ट्रपति उहुरू केनयाता भी मौजूद थे। यहां प्रधानमंत्री ने करीब 20,000 भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया।

दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद और वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी दो सबसे बड़ी समस्याएं हैं। उन्होंने कहा, 'ये पूरी मानवता के समक्ष चुनौतियां हैं..इनसे निपटने के लिए विश्व को साथ आना होगा।' 

मोदी ने कहा, 'मानवता में विश्वास रखने वालों को साथ आना चाहिए। जितना जल्दी वे साथ आएंगे उतना जल्दी आतंकवाद को खत्म किया जा सकेगा। ऐसे में मानवता में विश्वास रखने वाली ताकतों को मानवता विरोधी ताकतों को पराजित करने के लिए साथ आना चाहिए।' जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में भारत रास्ता दिखा सकता है।

घरेलू मुद्दों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उनके आलोचकों ने सवाल किए कि वह प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या करेंगे क्योंकि वह गुजरात जैसे 'छोटे राज्य' से ताल्लुक रखते हैं।

उन्होंने कहा, ''कई सवाल पूछे गए। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है।..यह सही भी था। मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद संसद देखी।'' मोदी ने कहा कि दो साल के उनके कार्यकाल में भारत ने 'सुशासन' और घोषणाओं का क्रियान्वयन देखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ''दुनिया मंदी से गुजर रही है। इसके बावजूद भारत ने 7.6 फीसदी की विकास दर देखी। यह गर्व का विषय है। परंतु हम यहीं नहीं रुकेंगे। हमें आगे बढ़ना है, ऊंचाई पर जाना है और 8 फीसदी से अधिक विकास दर हासिल करनी है।'' 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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