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This Article is From Nov 05, 2020

IMA ने सभी चिकित्‍सा पद्धतियों को मिलाने के केंद्र के फैसले का किया विरोध, कही यह बात...

IMA के मुताबिक, इस घटनाक्रम के साथ ही 25 सितंबर को हुए नेशनल मेडिकल एजुकेशन कैंपेन के नोटिफ़िकेशन ने पहले से मौजूद मिथ्या चिकित्सालय, मिक्सोपैथी और क्रॉसपैथी के रास्ते फिर से खोल दिए हैं.

IMA ने सभी चिकित्‍सा पद्धतियों को मिलाने के केंद्र के फैसले का किया विरोध, कही यह बात...
IMA के अनुसार, केंद्र सरकार की इस पहले से दुनियाभर में भारत के डॉक्टरों की साख में कमी आएगी
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
IMA ने कहा, इससे तैयार हो जाएगा खिचड़ी सिस्‍टम
दुनिया में भारत के डॉक्‍टरों की साख में आएगी कमी
मिथ्या चिकित्सालय, मिक्सोपैथी और क्रॉसपैथी के रास्ते खुलेंगे
नई दिल्ली:

देश में डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र सरकार (Central Government) के उस फैसले का विरोध किया है जिसके तहत सभी चिकित्सा पद्धतियों जैसे एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी को मिलाकर एक चिकित्सा पद्धति बनाने पर काम चल रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि नीति आयोग ने मेडिसिन के सभी सिस्टम को जोड़ने के लिए आधिकारिक रूप से समितियों का गठन किया है. ये समिति हैं मेडिकल एजुकेशन क्लिनिकल प्रैक्टिस पब्लिक हेल्थ और मेडिकल रिसर्च एंड एडमिनिस्ट्रेशन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन. आईएमए के अनुसार, केंद्र सरकार की कोशिश है कि चिकित्सकीय पहुंच के नाम पर मेडिसिन के सभी सिस्टम का मिश्रण करना, मेडिकल कोर्स मे कई एंट्री और एंट्री सिस्टम की इजाज़त देना और समर्पित स्वास्थ्य विश्वविद्यालय खत्म करना. 

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IMA के मुताबिक, इस घटनाक्रम के साथ ही 25 सितंबर को हुए नेशनल मेडिकल एजुकेशन कैंपेन के नोटिफ़िकेशन ने पहले से मौजूद मिथ्या चिकित्सालय, मिक्सोपैथी और क्रॉसपैथी के रास्ते फिर से खोल दिये हैं क्योंकि नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट का सेक्शन 32, मिथ्या चिकित्सालय को कानूनी रूप देता है. क्योंकि इसके तहत प्राथमिक देखरेख के लिए कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर के नाम पर नॉन मेडिकल लोगों को सशक्त किया जा रहा है. इसी तरह नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट का सेक्शन 50 मेडिसिन की सभी स्ट्रीम के पाठ्यक्रम को मिक्स करके मिक्सोपैथी की इजाज़त देता है. नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट का सेक्शन 51 राज्यों में ब्रिज कोर्स को लाने की इजाजत देता है इसलिए यह क्रॉसपैथी को बढ़ाएगा. IMA के अनुसार, केंद्र सरकार की इस पहले से दुनियाभर में भारत के डॉक्टरों की साख में कमी आएगी.

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IMA के अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा ने कहा 'ये एक खिचड़ी सिस्टम हो जाएगा जिसका किसी को कोई फायदा नहीं होगा और दुनियाभर में भारत के डॉक्टरों की साख में कमी आएगी. सबसे अहम बदलाव जो नीति में देखा जा रहा है वो है बहुत सारी समर्पित मेडिकल स्ट्रीम की जगह है इंटीग्रेटिव मेडिसिन का सिस्टम. साफ शब्दों में कहे तो पाठ्यक्रम, प्रैक्टिस और रिसर्च में मेडिसिन के मिश्रित सिस्टम की परिकल्पना की गई है. मेडिसिन सिस्टम के इस तरह के अनसाइंटिफिक मिश्रण से हाइब्रिड डॉक्टर पैदा होंगे जो कहीं के नहीं होंगे.' डॉ. शर्मा ने कहा कि हम किसी मेडिसिन पद्धति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन चाहते हैं कि सभी मेडिसिन पद्धति जो अलग-अलग हैं वह अलग-अलग ही रहें. उनको एक साथ जोड़ कर कोई नया सिस्टम तैयार करने की कोशिश करना गलत है.

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