आतंकी यासीन भटकल की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
हैदराबाद की जेल से सुरक्षा में एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियों ने यहां की जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी यासिन भटकल और उसकी पत्नी ज़ाहिदा के बीच हुई बातचीत को पकड़ा है, जिससे ख़ुलासा हुआ है कि यासिन भटकल जेल से भागने की तैयारी में है और इसमें उसकी मदद दमिश्क का IS करेगा।
बता दें कि दमिश्क सीरिया की राजधानी है। फ़ोन पर भटकल ने अपनी पत्नी से कहा वो जल्द ही जेल से बाहर आ जाएगा। साथ ही उसने इशारे में कहा इसमें दमिश्क का आइएस यानी इस्लामिक स्टेट उसकी मदद करेगा।
बताया जा रहा है कि क़रीब एक महीने पहले जेल में कुछ अपराधियों के पास फ़ोन आया था, जिसकी मदद से यासिन भटकल ने दिल्ली के जामिया नगर में रह रही अपनी पत्नी ज़ाहिदा को फ़ोन किया।
इंडियन मुजाहिदीन के मुखिया यासिन भटकल को सितंबर 2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ़्तार किया गया था। एक साल दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहने के बाद NIA ने उसे हैदराबाद की चेरलापल्ली जेल में शिफ़्ट करने का फ़ैसला किया।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक यासिन ने तीन हफ़्ते पहले अपनी पत्नी को पहली बार फ़ोन किया था और उसके बाद उसने 8 से ज़्यादा बार उससे बात की। यासिन के अलावा क़रीब 8 और कुख़्यात अपराधियों ने इस फ़ोन का इस्तेमाल कर बाहर बात की।
हालांकि हैदराबाद जेल प्रशासन ने जेल में फ़ोन के इस्तेमाल से इनकार किया है। उनका कहना है कि इतनी सुरक्षित जेल में फ़ोन का इस्तेमाल हो ही नहीं सकता है। उनका कहना है कि नियमों के मुताबिक कैदियों को सरकारी फोन से हफ्ते में दो बार परिजनों से बात करने की छूट है, जिसमें यह बात की गई होगी।
वहीं सूत्रों की माने तो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले की जानकारी गृह मंत्रालय और हैदराबाद जेल प्रशासन को दे दी है।
दरअसल 2008 में हुए दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर के बाद कई आतंकी भारत से भाग गए थे। जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने यहां से भागने के बाद अल-क़ायदा और तालिबान से हाथ मिला लिया। इन्होंने अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर मोर्चा खोला।
सुरक्षा एजेंसियों की माने तो बड़ा साज़िद जैसे ऐसे आतंकी हैं जो इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ते हुए मारे गए। इसलिए आईएस इनकी मदद कर रहा है।
बता दें कि दमिश्क सीरिया की राजधानी है। फ़ोन पर भटकल ने अपनी पत्नी से कहा वो जल्द ही जेल से बाहर आ जाएगा। साथ ही उसने इशारे में कहा इसमें दमिश्क का आइएस यानी इस्लामिक स्टेट उसकी मदद करेगा।
बताया जा रहा है कि क़रीब एक महीने पहले जेल में कुछ अपराधियों के पास फ़ोन आया था, जिसकी मदद से यासिन भटकल ने दिल्ली के जामिया नगर में रह रही अपनी पत्नी ज़ाहिदा को फ़ोन किया।
इंडियन मुजाहिदीन के मुखिया यासिन भटकल को सितंबर 2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ़्तार किया गया था। एक साल दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहने के बाद NIA ने उसे हैदराबाद की चेरलापल्ली जेल में शिफ़्ट करने का फ़ैसला किया।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक यासिन ने तीन हफ़्ते पहले अपनी पत्नी को पहली बार फ़ोन किया था और उसके बाद उसने 8 से ज़्यादा बार उससे बात की। यासिन के अलावा क़रीब 8 और कुख़्यात अपराधियों ने इस फ़ोन का इस्तेमाल कर बाहर बात की।
हालांकि हैदराबाद जेल प्रशासन ने जेल में फ़ोन के इस्तेमाल से इनकार किया है। उनका कहना है कि इतनी सुरक्षित जेल में फ़ोन का इस्तेमाल हो ही नहीं सकता है। उनका कहना है कि नियमों के मुताबिक कैदियों को सरकारी फोन से हफ्ते में दो बार परिजनों से बात करने की छूट है, जिसमें यह बात की गई होगी।
वहीं सूत्रों की माने तो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले की जानकारी गृह मंत्रालय और हैदराबाद जेल प्रशासन को दे दी है।
दरअसल 2008 में हुए दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर के बाद कई आतंकी भारत से भाग गए थे। जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने यहां से भागने के बाद अल-क़ायदा और तालिबान से हाथ मिला लिया। इन्होंने अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर मोर्चा खोला।
सुरक्षा एजेंसियों की माने तो बड़ा साज़िद जैसे ऐसे आतंकी हैं जो इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ते हुए मारे गए। इसलिए आईएस इनकी मदद कर रहा है।
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