तिरुवनंतपुरम:
केरल के पूर्व डीजीपी टीपी सेनकुमार ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि वे कमजोर नहीं है। यह उन्होंने पद से हटाए जाने के ठीक एक दिन पहले लिखा।
उन्होंने लिखा कि वह रीढ़विहीन नहीं हैं। उनके सभी अंग अपनी जगह हैं। मैंने पोस्टिंग के लिए कभी किसी की चापलूसी नहीं की और मैं हमेशा निष्पक्ष और ईमानदार रहा।
राज्य में हाल ही में हुए चुनाव में कांग्रेस की सरकार चली गई और लेफ्ट फ्रंट की सरकार आई है। इस राजनीतिक बदलाव के बाद डीजीपी सेनकुमार का तबादला कर दिया गया और लोकनाथ बेहेरा को नया डीजीपी नियुक्त किया गया। इसके अलावा कई और नौकरशाहों का तबादला किया गया।
बता दें कि 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया था कि किसी भी राज्य में डीजीपी के पद की तैनाती कम से कम दो साल की होगी। कोर्ट का यह आदेश इसलिए था क्योंकि पुलिस के कामकाज में राजनीतिक दखल कम हो सके।
लेकिन, सेनकुमार को पद पर तैनाती के एक साल की भीतर ही हटा दिया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि इसमें कोई सफाई नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार में मंत्री ईपी जयराजन ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है और सरकार का यह कदम सही है।
उन्होंने लिखा कि वह रीढ़विहीन नहीं हैं। उनके सभी अंग अपनी जगह हैं। मैंने पोस्टिंग के लिए कभी किसी की चापलूसी नहीं की और मैं हमेशा निष्पक्ष और ईमानदार रहा।
राज्य में हाल ही में हुए चुनाव में कांग्रेस की सरकार चली गई और लेफ्ट फ्रंट की सरकार आई है। इस राजनीतिक बदलाव के बाद डीजीपी सेनकुमार का तबादला कर दिया गया और लोकनाथ बेहेरा को नया डीजीपी नियुक्त किया गया। इसके अलावा कई और नौकरशाहों का तबादला किया गया।
बता दें कि 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया था कि किसी भी राज्य में डीजीपी के पद की तैनाती कम से कम दो साल की होगी। कोर्ट का यह आदेश इसलिए था क्योंकि पुलिस के कामकाज में राजनीतिक दखल कम हो सके।
लेकिन, सेनकुमार को पद पर तैनाती के एक साल की भीतर ही हटा दिया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि इसमें कोई सफाई नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार में मंत्री ईपी जयराजन ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है और सरकार का यह कदम सही है।
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