पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) पर आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन के कामकाज में वह लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं. ममता ने राज्यपाल से कहा कि वह फैसला करें कि 'किसने संवैधानिक धर्म और मर्यादा की सीमा को लांघा है.' कोविड-19 से मुकाबला करने में राज्य सरकार के तरीकों पर धनखड़ द्वारा लगातार चिंता जताए जाने के परिप्रेक्ष्य में बनर्जी का यह पत्र सामने आया है. राज्यपाल को पांच पन्ने के कड़े शब्दों में लिखे गए पत्र में बनर्जी ने कहा कि धनखड़ भूल गए हैं कि वह (ममता) 'एक गौरवशाली भारतीय राज्य की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं', जबकि वह नामित राज्यपाल हैं.
उन्होंने लिखा, 'आपको खुद पर फैसला करना है कि क्या आपने सीधे मुझपर, मेरे मंत्रियों पर, अधिकारियों पर हमले किए हैं. आपकी भाषा और तेवर को क्या संसदीय कहा जा सकता है? आप जिस राज्य के राज्यपाल हैं वहां की सरकार के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन करना, मेरे मंत्रियों के कामकाज में आपके लगातार हस्तक्षेप से स्पष्ट है कि किसने संवैधानिक धर्म का उल्लंघन किया है.'
ममता बनर्जी ने दावा किया कि राज्यपाल का व्यवहार संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच मर्यादा के मूल मानकों के मुताबिक भी नहीं हैं. धनखड़ ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'ममता बनर्जी के कार्यालय से पत्र प्राप्त हुआ. तथ्यात्मक रूप से गलत और संवैधानिक रूप से कमजोर है.' पिछले वर्ष जुलाई में पदभार संभालने के बाद से कई मुद्दों को लेकर धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच ठनी रहती है.
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