विज्ञापन
This Article is From Sep 29, 2017

बीमार सिस्टम, बदहाल स्कूल: अगर बेटियां पढ़ेंगी नहीं तो आगे बढ़ेंगी कैसे?

सरकार एक तरफ तो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारे देते हुए मुहिम चलाती है, लेकिन वहीं जब लड़कियों की शिक्षा की बात आती है तो सरकारी इंतजाम सभी दावों की पोल खोलते नज़र आते हैं.

बीमार सिस्टम, बदहाल स्कूल: अगर बेटियां पढ़ेंगी नहीं तो आगे बढ़ेंगी कैसे?
स्कूल तो 12वीं तक हो गया, लेकिन छात्राओं को टीचर का इंतजार है
नई दिल्ली: मई की महीना था रेवाड़ी के गोठड़ा गांव के दसवीं कक्षा की कुछ लड़कियां अनशन पर बैठे गईं. इस अनशन ने सरकार से लेकर प्रशासन तक को हिलाकर रख दिया था. इनकी मांग थी कि गांव के स्कूल को अपग्रेड कराकर 12वीं तक कर दिया जाए. गांव का स्कूल 10वीं तक था. इस गांव की लड़कियों को 10वीं से आगे की पढ़ाई करने के लिए गांव से कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था. रास्ते में लड़के छेड़ते थे. कुछ लड़के बाइक पर आते और लड़कियों के साथ छेड़खानी करके हवा हो जाते थे. जब यह सिलसिला जारी रहा तो कई लड़कियों ने स्कूल जाना बंद कर दिया, कइयों ने स्कूल बदल दिए. अब गांव में दसवीं कक्षा की छात्रों को लगने लगा कि अगर वे भी गांव से दूर 12वीं पढ़ने जाएंगी तो उनके साथ भी छेड़खानी होगी. फिर ये बच्चे अनशन पर बैठ गए. धीरे-धीरे इनके साथ दूसरे बच्चे जुड़े. शुरुआत में गांव वाले साथ नहीं दे रहे थे लेकिन लड़कियों की ज़िद्दी के देखते हुए वे भी इनके साथ आ गए. बच्चों का यह अनशन जब मीडिया में छाया तो प्रशासन को झुकना पड़ा.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ : बेटियों के नाम से हो घर की पहचान, इसलिए दरवाजों पर लगाई बेटियों की नेमप्लेट

बच्चों की मांग के आगे झुका प्रशासन: पहले प्रशासन इनकी मांगे को मानने के लिए तैयार नहीं था. प्रशासन तर्क दे रहा था कि 12वीं के लिए जो नियमावली है उसे स्कूल पूरा नहीं करता. लेकिन अनशन पर बैठे बच्चे हार मानने वाले नहीं थे. कई छात्राओं की तबियत खराब होने के वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. अब सरकार को झुकना पड़ा. हरियाणा के शिक्षा मंत्री को स्कूल को 12वीं तक करने की घोषणा करनी पड़ी.

पढ़ें: रंग लाई एनडीटीवी की मुहिम, 2000 से ज़्यादा लड़कियों की शिक्षा का इंतज़ाम

स्कूल की नई 12वीं कक्षाओं में बच्चों की पढाई कैसे चल रही है, यह जानने के लिए एनडीटीवी इस गांव के स्कूल में पहुंचा. पढ़ाई का नया सत्र शुरू हुए तीन महीने हो गए, लेकिन इस स्कूल में 11वीं के बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर नहीं हैं. दो-तीन विषय के टीचर हैं लेकिन सभी विषय के नहीं.  

टीचर न होने से स्कूल छोड़ रहे हैं बच्चे: टीचर नहीं होने के वजह से कई बच्चे 12वीं पढ़ने के लिए दूसरे स्कूल चले गए हैं तो कुछ ने स्कूल छोड़ दिया है. कुछ बच्चे टीचर ने होने के वजह से स्कूल नहीं आ रहे हैं. एक छात्रा ने बताया कि वह स्कूल बहुत कम आती है क्योंकि स्कूल में टीचर नहीं हैं. इस छात्रा के पिता नहीं हैं. यह घर पर काम संभालती है और मां के साथ दूसरों के खेत में काम करने जाती है. छात्रा की मां ने बताया कि घर की स्थिति ठीक नहीं है. वह आंगनवाड़ी में नौकरी करना चाहती थी, लेकिन 10वीं फेल होने के वजह से यह नहीं हो पाया. वह चाहती है कि उसकी बेटी खूब पढ़े, आगे बड़े. लेकिन स्कूल में टीचर न होने के वजह से पढ़ाई ठप हो गई है. घर में इतना पैसा नहीं कि बेटी की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल में कराई जाए. ट्यूशन के लिए भी पैसा नहीं हैं. यह छात्रा टीचर बनना चाहती है लेकिन अब उसे लगने लगा है कि उसका सपना पूरा नहीं हो सकता.   

VIDEO: बदहाल सिस्टम में कैसे पढ़ेंगी बेटियां
वह पुलिस अफसर बनना चाहती है लेकिन: कई छात्रों ने बताया कि टीचर न होने के वजह से उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है और उन्हें नहीं लगता कि वे पास भी हो पाएंगे. एक अन्य लड़की भी के पिता नहीं हैं और मां दिव्यांग हैं. इस परिवार के पास बच्ची की पढ़ाई पूरी कराने के लिए ट्यूशन आदि के लिए पैसे नहीं हैं. लेकिन स्कूल में टीचर नहीं होने की वजह से उसकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है. एक लड़की ने बताया कि उसके घर वाले कह चुके हैं कि अगर वह फेल होती है तो उसे फिर से स्कूल नहीं भेजा जाएगा. छात्रा बताती है कि वह पढ़-लिखकर पुलिस अफ़सर बनना चाहती है. लेकिन अब उसे लगने लगा है वह इस मुकाम तक नहीं पहुंच सकती. टीचर न होने वजह से उसे लगने लगा है कि  फेल हो जाएगी. कुछ लड़कियों ने बताया कि वे लोग हॉकी खेलती हैं. लेकिन स्कूल में टीचर नहीं होने की वजह से उनके घरवाले उन्हें स्कूल भेजने से मना करते हैं. 

गांव की सरपंच ने बताया कि वह टीचरों के लिए कई बार प्रशासन को लिख चुकी हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
गुरमीत राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका, बेअदबी मामले में चलेगा केस
बीमार सिस्टम, बदहाल स्कूल: अगर बेटियां पढ़ेंगी नहीं तो आगे बढ़ेंगी कैसे?
फ़ेयरवेल के बाद अपने घर में मृत मिला केरल का अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष ने लगाया था गलत काम करने का आरोप
Next Article
फ़ेयरवेल के बाद अपने घर में मृत मिला केरल का अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष ने लगाया था गलत काम करने का आरोप
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com