अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राष्ट्रवाद पर वैचारिक संघर्ष को आगे बढ़ाने का इरादा जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बीजेपी ने पहला दौर तो जीत लिया है क्योंकि अब तक जो लोग भारत विरोधी नारे लगाते थे अब 'अगर भारत माता की जय नहीं तो जय हिंद' कहने को तो मजबूर हुए हैं।
मामले को थोड़ा और गर्माते हुए जेटली ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाए जाने के बाद वहां का दौरा किया था, और कहा, 'कुछ लोग सावरकर के राष्ट्रवाद पर सवाल उठा रहे हैं, जिन्होंने लाखों और करोड़ों देशवासियों को प्रेरित किया। यही लोग अब भारत को तोड़ने की बात करने वाले कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। यह एक बड़ी वैचारिक चुनौती है। हमें इसे वैचारिक संघर्ष मानना चाहिए और मुझे लगता है कि हमने पहला दौर जीत लिया है। अब वह लोग, जो देश के खिलाफ नारे लगा रहे थे, यह कहने लगे हैं कि वह भारत माता की जय नहीं, पर जय हिंद बोलेंगे।'
वित्त मंत्री ने दिल्ली भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'कम से कम वह देश के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए कुछ तो कहने को तैयार हुए। यह आपकी वैचारिक जीत है कि आपने उन्हें यह कहने के लिए मजबूर किया।' उन्होंने कहा कि भाजपा की विचारधारा राष्ट्रवाद से प्रेरित है। 'यह अजीब स्थिति है जहां देश को तोड़ने की बात करना अभिव्यक्ति की आजादी माना जाता है। कानून अथवा संविधान कहीं भी इसकी इजाजत नहीं देता। और यह सब देश की राजधानी में हो रहा है।'
दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों और महिलाओं तक पहुंचने का आग्रह करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार अगले कुछ दिन में 'स्टैंड अप इंडिया' योजना शुरू करने वाली है, जिसमें प्रत्येक बैंक शाखा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को बड़े उपक्रम लगाने और बड़े उद्यमी बनने के लिए एक करोड़ रुपए के लोन देगी। कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी पूरे देश में डूब रही है और मतदाता 'कांग्रेस मुक्त' भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे को हकीकत में बदल देंगे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मामले को थोड़ा और गर्माते हुए जेटली ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाए जाने के बाद वहां का दौरा किया था, और कहा, 'कुछ लोग सावरकर के राष्ट्रवाद पर सवाल उठा रहे हैं, जिन्होंने लाखों और करोड़ों देशवासियों को प्रेरित किया। यही लोग अब भारत को तोड़ने की बात करने वाले कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। यह एक बड़ी वैचारिक चुनौती है। हमें इसे वैचारिक संघर्ष मानना चाहिए और मुझे लगता है कि हमने पहला दौर जीत लिया है। अब वह लोग, जो देश के खिलाफ नारे लगा रहे थे, यह कहने लगे हैं कि वह भारत माता की जय नहीं, पर जय हिंद बोलेंगे।'
वित्त मंत्री ने दिल्ली भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'कम से कम वह देश के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए कुछ तो कहने को तैयार हुए। यह आपकी वैचारिक जीत है कि आपने उन्हें यह कहने के लिए मजबूर किया।' उन्होंने कहा कि भाजपा की विचारधारा राष्ट्रवाद से प्रेरित है। 'यह अजीब स्थिति है जहां देश को तोड़ने की बात करना अभिव्यक्ति की आजादी माना जाता है। कानून अथवा संविधान कहीं भी इसकी इजाजत नहीं देता। और यह सब देश की राजधानी में हो रहा है।'
दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों और महिलाओं तक पहुंचने का आग्रह करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार अगले कुछ दिन में 'स्टैंड अप इंडिया' योजना शुरू करने वाली है, जिसमें प्रत्येक बैंक शाखा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को बड़े उपक्रम लगाने और बड़े उद्यमी बनने के लिए एक करोड़ रुपए के लोन देगी। कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी पूरे देश में डूब रही है और मतदाता 'कांग्रेस मुक्त' भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे को हकीकत में बदल देंगे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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