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This Article is From Sep 16, 2015

एक आईएएस अफसर जो सबूतों की सुरक्षा के लिए कब्रिस्तान में ही सो गया

एक आईएएस अफसर जो सबूतों की सुरक्षा के लिए कब्रिस्तान में ही सो गया
कब्रिस्तान में खाट पर लेटे आईएएस अफसर यू सगायम (फोटो : Twitter)
मदुरै: क्या आपने कभी किसी ऐसे आईएएस अफसर के बारे में सुना है जिसने सबूतों की सुरक्षा के लिए कब्रिस्तान में रात बिता दी हो। यदि नहीं तो हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे ही अफसर के बारे में। इन दिनों तमिलनाडु के मदुरै जिले की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें एक शख्स कब्रिस्तान में खाट पर सोया हुआ दिख रहा है। यह तस्वीर है आईएएस अफसर यू सगायम की। दरअसल सगायम 16 हजार करोड़ के ग्रेनाइट घोटाले की जांच कर रहे हैं।

खुदाई होने तक कब्रिस्तान में ही रुकने का किया फैसला
सगायम को ग्रेनाइट घोटाले वाले मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने लीगल कमिश्नर बनाया है। दरअसल पिछले शनिवार को इस घोटाले से ही जुड़े एक दूसरे मामले में दफनाए गए कुछ शवों को फॉरेंसिक जांच के लिए फिर से बाहर निकालना था। जब सगायम अपनी टीम के साथ शाम को मदुरै के पास स्थित मेलूर गांव के उस कब्रिस्तान में पहुंचे, तो मदुरै पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन ने शाम के समय कब्रों की खुदाई कर पाने में असमर्थता जताई। ऐसे में उन्होंने वहीं रुकने का फैसला कर लिया।

सबूत से छेड़छाड़ की थी आशंका
प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम को खुदाई नहीं हो पाने पर सगायम को लगा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है, इसलिए उन्होंने सुबह होने तक वहीं रुकने का फैसला किया और उनकी खाट उन्हीं कब्रों पर लगवा दी गई, जिनकी खुदाई होनी थी। सुबह होने पर वे सर्किट हाउस गए और फिर वापस आकर खुदाई शुरू कराई। कब्रों से जांच टीम ने कुछ कंकाल बरामद किए।

बड़ा ग्रेनाइट कारोबारी है आरोपी
इस घोटाले में मदुरै जिले के मेलूर का ग्रेनाइट कारोबारी पीआर पलानिस्वामी मुख्य आरोपी है। पलानिस्वामी पर यह आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से कारोबार बढ़ाने के लिए 12 लोगों की बलि दी है, जिन्हें नदी के किनारे स्थित एक गांव में दफना दिया गया। इसकी जांच का जिम्मा भी सगायम के पास है।

ट्विटर पर कर रहे ट्रेंड
इस घटना के बाद से सगायम ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। #standwithsagayam हैशटैग 13 सितंबर से ही ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग लगातार कमेंट करके उनको समर्थन दे रहे हैं।
 
पहले भी रहे चर्चा में
साल 2011 में सगायम को मदुरै में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने चुनाव आयोग के दिशा- निर्देशों को पूरी तरह लागू किया और चुनाव में किसी तरह की कोई धांधली नहीं होने दी। इस कड़ाई पर डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने खुद मुख्य चुनाव आयुक्त से उनकी शिकायत की थी। वहीं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त क़ुरैशी ने चुनाव में सगायम के काम की जमकर तारीफ की थी।

23 साल में 24 बार तबादला
आईएएस सगायम का 23 साल में 24 बार तबादला हो चुका है। दरअसल सगायम ने साल 2011 के चुनाव के बाद खनन से जुड़ी तमाम तरह की गैर-कानूनी गतविधियों को रोकना शुरू कर दिया था। उन्होंने गैर-कानूनी खनन से जुड़े आंकड़े इकट्ठा किए। 16 हजार करोड़ रुपए के घपले का पता लगाया और उसका वैज्ञानिक सबूत इकट्ठा किया।

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