(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
तीन दशकों में अपने सबसे बड़े अभ्यास के तहत वायुसेना हिंद महासागर क्षेत्र के समूचे विस्तारित इलाके पर वर्चस्व के वास्ते अपनी क्षमता को परखने के लिए विशाल युद्धाभ्यास कर रही है जिसमें उसके अग्रिम लड़ाकू जेट विमान भी हिस्सा ले रहे हैं. ‘गगन शक्ति’ नामक इस अभ्यास में ब्रह्मोस और हार्पून जहाज रोधी मिसाइलों से लैस वायुसेना के सुखोई और जगुआर जंगी विमानों ने किसी भी प्रकार के अभियान के वास्ते अपनी रणनीतिक पहुंच और क्षमता प्रदर्शित की. वायुसेना ने कहा कि वह पश्चिमी और पूर्वी दोनों समुद्री क्षेत्रों में समुद्री युद्ध की अवधारणा का प्रभावी तरीके से अभ्यास कर रही है.
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इसका लक्ष्य हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के हित वाले क्षेत्र में किसी भी दुश्मन के दुस्साह पर अंकुश भी लगाना है. उल्लेखनीय है कि चीनी नौसेना भारत के इर्द - गिर्द अहम समुद्री मार्गों में अपना प्रभाव फैलाने की कोशिश में जुटी है. गगनशक्ति अभ्यास आठ अप्रैल को शुरु हुआ था. वायुसेना नौसेना के समर्थन में यह अभ्यास कर रहा है.
VIDEO : लखनऊ-आगरा एक्सप्रसवे पर वायुसेना के फाइटर
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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