नई दिल्ली:
वीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, मैंने किसी को फायदा नहीं पहुंचाया और न इस सौदे के लिए खरीद के पैमाने बदले गए। मैं 2007 में रिटायर हुआ था, जबकि यह डील 2010 में हुई और मेरे समय में (साल 2006 में) इसके लिए सिर्फ टेंडर जारी हुआ था। पूर्व वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि वह इन आरोपों से सदमे में हैं, लेकिन हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं।
यह पूछे जाने पर कि फिनमेकानिका के पक्ष में टेंडर नियमों में उन्होंने कोई बदलाव किए थे, तो त्यागी ने कहा, वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के लिए कर्मचारी गुणवत्ता आवश्यकता साल 2003 में तय की गई थी, जबकि मैं काफी बाद में वायुसेना प्रमुख बना और उसके बाद भारतीय वायुसेना ने जरूरतों में कोई बदलाव नहीं किए।
सौदे के लिए 'वायुसेना के पूर्व कैप्टेन त्यागी' सहित तीन कथित दलालों से उनके संबंधों के बारे में पूछे जाने पर पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वह उनके रिश्तेदार थे, लेकिन संबंध इससे आगे नहीं थे। उल्लेखनीय है कि इस मामले में एक अंग्रेजी दैनिक ने पूर्व वायुसेना प्रमुख पर सीधे आरोप लगाए हैं। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक त्यागी ने तकनीकी मापदंड को बदलकर ऑगस्टा वेस्टलैंड की मदद की।
यह पूछे जाने पर कि फिनमेकानिका के पक्ष में टेंडर नियमों में उन्होंने कोई बदलाव किए थे, तो त्यागी ने कहा, वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के लिए कर्मचारी गुणवत्ता आवश्यकता साल 2003 में तय की गई थी, जबकि मैं काफी बाद में वायुसेना प्रमुख बना और उसके बाद भारतीय वायुसेना ने जरूरतों में कोई बदलाव नहीं किए।
सौदे के लिए 'वायुसेना के पूर्व कैप्टेन त्यागी' सहित तीन कथित दलालों से उनके संबंधों के बारे में पूछे जाने पर पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वह उनके रिश्तेदार थे, लेकिन संबंध इससे आगे नहीं थे। उल्लेखनीय है कि इस मामले में एक अंग्रेजी दैनिक ने पूर्व वायुसेना प्रमुख पर सीधे आरोप लगाए हैं। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक त्यागी ने तकनीकी मापदंड को बदलकर ऑगस्टा वेस्टलैंड की मदद की।
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