बोफोर्स तोप सौदे के बाद आज भारतीय सेना को दो अत्याधुनिक आर्टिलरी मिल गई हैं. अमेरिकी कंपनी बीएई की बनाई 145 एम 777 होवित्जर तोपों से भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी. सेना की ओर से तोपखानों को आधुनिक बनाने के लिए काफी समय से मांग की जा रही थी. बीते साल 17 नवंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने इस सौदे को मंजूरी दी थी और 30 नवंबर को ही इसको लेकर अमेरिका के साथ करार हुआ था. इस करार के मुताबिक जून तक इन तोपों के भारत पहुंचने की उम्मीद थी. लेकिन कंपनी ने दो तोपों को पहले ही उपलब्ध करा दिया है.
बताया जा रहा है कि इन तोपों को प्रमुख तौर पर भारत-चीन सीमा से सटी पहाड़ियों पर तैनात किया जा सकता है. अब इन तोपों का राजस्थान के पोखरण में परीक्षण किया जाएगा. इस परीक्षण के दौरान इनमें भारतीय गोलों का इस्तेमाल होगा और परखा जाएगा कि किस एंगल से कितनी दूरी तक असरदार फायरिंग की जा सकेगी.
क्या है इन तोपों की खास बातें
इस तोप को हेलीकॉप्टर या विमान के जरिए भी बार्डर पर ले जा सकता है.
इस वजन काफी हल्का है करीब 4 टन है. वहीं वही बोर्फोस का वजन है करीब 11,500 किलोग्राम है.
इसकी रेंज है करीब 25 किलोमीटर से 40 किलोमीटर तक है.
भारत- चीन सीमा पर तैनात की जाएंगी ये तोपें.
ऐसे 145 तोप भारत अमेरिका से खरीदेगा.
145 एम 777 होवित्जर तोपों को दुनिया के अत्याधुनिक हथियारों में गिना जाता है.
आपको बता दें कि बोफोर्स तोपों के बाद पहली बार भारतीय सेना को आधुनिक तोपें मिली हैं. हालांकि कारगिल की लड़ाई के समय बोफोर्स के दम पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान को पीछे धकेल दिया था. आज के दौरे में दुनिया भर के देश बोफोर्स की तुलना में कहीं ज्यादा आधुनिक आर्टिलरी सेना में शामिल कर चुके हैं. आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि बोफोर्स तोप का वजन जहां 11,500 किलोग्राम वहीं इन होवित्जर तोपों का वजन सिर्फ 4 टन है.
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