प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार महिला सशक्तीकरण और उनकी सुरक्षा के लिए काफी मुखर रही है, लेकिन सरकार निर्भया फंड की आधी भी रकम खर्च करने में विफल रही है.यह खुलासा सरकारी आंकड़ों से हुआ है.आंकड़ों के अनसार, निर्भया फंड के लिए सार्वजनिक खाते में हस्तांतरित रकम 2015 से लेकर वित्त वर्ष 2018-19 तक 3,600 करोड़ रुपये थी जिसमें से केंद्र सरकार ने दिसंबर 2018 तक सिर्फ 1,513.40 करोड़ रुपये की राशि जारी की है.
दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक छात्रा के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद केंद्र की तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2013 में निर्भया फंड की घोषणा की थी.केंद्र सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक निर्धारत राशि प्रदान करने की घोषणा की है. शुरुआत में 2013-14 में यह रकम 1,000 करोड़ रुपये और 2014-15 में भी इतनी ही रकम इस फंड में जुड़ गई. इसके बाद 2016-17 और 2017-18 में हर साल 550 करोड़ रुपये फंड में जुड़ते चल गए. इसके आद फंड का आवंटन 2018-19 में 500 करोड़ रुपये था.
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निर्भया फंड का धन बिना खर्च हुए समाप्त नहीं होने वाला धन है जो वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के पास जमा रहता है और यह रकम देश में महिलाओं की संरक्षा व सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई पहलों के कार्यान्वयन पर खर्च की जाती है.इसके द्वारा करीब 26 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई और इन परियोजनाओं को इस फंड से धन मुहैया करवाया जाता है जिनमें 11 प्रस्ताव गृह मंत्रालय से, आठ महिला व बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) से, तीन सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय से, दो रेल मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली की ओर से और एक न्याय विभाग के प्रस्ताव शामिल हैं.
डब्ल्यूसीडी की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, अधिकार प्राप्त समिति के आकलन में (ईसी) इन परियोजनाओं के लिए कुल राशि 6,738.91 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 1,513.40 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई.इनमें से सिर्फ दो परियोजनाओं के लिए शतप्रतिशत राशि जारी की गई। गृह मंत्रालय के केंद्रीय पीड़ित मुआवजा निधि निर्माण (सीवीसीएफ) के लिए एक बार की किस्त 200 करोड़ रुपये और निर्भया डैशबोर्ड (नियंत्रण पट्ट) बनाने के लिए डब्ल्यूसीडी की एनआईसीएसआई के लिए 0.24 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए 312.62 करोड़ रुपये की राशि में से केंद्र सरकार ने 2015-16 में कुछ राशि जारी नहीं की, लेकिन 2016-17 में 217.97 करोड़ रुपये, 2017-18 में 55.39 करोड़ रुपये और 2018-19 में 19.71 करोड़ रुपये जारी किए गए. गृह मंत्रालय के प्रस्ताव के लिए कुल 293.07 करोड़ रुपये जारी किए गए.
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