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This Article is From May 21, 2020

घरेलू उड़ानों में क्वारंटाइन मुद्दे को व्यावहारिक तरीके से निपटाया जाएगा: नागरिक उड्डयन मंत्री

गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने कम किए गए इस किराए का पूरा गणित कुछ इस तरह से समझाया. उन्होंने  बताया, 'जैसे दिल्ली मुंबई की बात करें तो यह 3500 से शुरू होगा और 10 हजार तक होगा.

सरकार ने घरेलू उड़ानों के लिए जारी की गाइडलाइंस.

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस चलते लागू किए गए लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने 25 मई से घरेलू विमानों को उड़ाने का निर्णय किया है. सरकार ने अभी केवल एक तिहाई घरेलू विमानों को ही इजाजत दी है. ऐसे में एयरलाइन कंपनियां फ्लाइट की टिकटों की मनमानी रकम ना वसूलें इसके लिए सरकार ने कदम उठाए हैं. इसके साथ ही घरेलू उड़ान के दौरान यात्रियों को क्वारंटाइन किए जाने को लेकर भी सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया. सरकार का कहना है कि घरेलू उड़ानों में यात्रियों को क्वारंटाइन करने को एक व्यावहारिक तरीके से निपटाया जाएगा. लेकिन सरकार को लगता है कि छोटी उड़ानों के लिए ऐसे उपायों की आवश्यकता नहीं है.

गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, क्वारंटाइन मुद्दे को एक व्यावहारिक तरीके से निपटा जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि मैं केरल जाता हूं, तो मुझे 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहना होगा. जब मैं वापस आऊंगा, तो क्या मुझे 14 दिनों के लिए फिर से क्वारंटाइन में भेजा जाएगा? यह व्यावहारिक नहीं है.”

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने कम किए गए इस किराए का पूरा गणित समझाया. उन्होंने बताया, 'जैसे दिल्ली मुंबई की बात करें तो यह 3500 से शुरू होगा और 10 हजार तक होगा. 40% सीटें बैंड के मिडपॉइंट से कम किराये पर बेची जानी हैं. उदाहरण के लिए 3500 रुपये और 10000 रुपये का मिडपॉइंट 6700 रुपये है. इसलिए 40 प्रतिशत सीटों को 6700 रुपये से कम में बेचना है. इस तरह हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किराया नियंत्रण से बाहर न हो. यह तीन महीने के लिए निर्धारित है. दिल्ली मुंबई रूट पर रोजाना 100 फ्लाइट होती है. अब यह संख्या 30 हो जाएगी.'

इससे पहले मंत्रालय ने गुरुवार को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का एक सेट जारी किया, जिसका एक हिस्सा हवाई किराए की सीमा से संबंधित है. आदेश में कहा गया है कि एयरलाइंस को COVID- 19 महामारी की अवधि के दौरान मंत्रालय द्वारा निर्धारित टिकटों की निचली और ऊपरी सीमा के प्रस्तावों का पालन करना चाहिए. 

बता दें कि COVID-19 को फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के भाग के रूप में कमर्शियल उड़ानों को 25 मार्च से निलंबित कर दिया गया है, केवल कार्गो उड़ानों और विशेष निकासी उड़ानों को इस अवधि के दौरान अनुमति दी गई थी.

केंद्र सरकार के पास एयरफेयर को रेगुलेट करने का अधिकार है. एयरक्राफ्ट, एक्ट 1934 के मुताबिक, केंद्र सरकार सिविल एविएशन और एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज का इकोनॉमी रेगुलेशन का काम कर सकती है. इसमें एयरलाइन के टिकटों का रेगुलेशन,मंजूरी देना या नामंजूर करने जैसे मामले शामिल हैं. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने 25 मई को सिर्फ एक तिहाई उड़ानों की हीमंजूरी दी है.

VIDEO: घरेलू उड़ानों पर सरकार की गाइडलाइंस

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