कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गई थी? रविशंकर प्रसाद के प्रेस कांफ्रेंस की 6 बड़ी बातें...

शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे.

कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गई थी? रविशंकर प्रसाद के प्रेस कांफ्रेंस की 6 बड़ी बातें...

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.

नई दिल्ली: कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की प्रेस कांफ्रेंस के बाद बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि बहुमत साबित करने की सही जगह विधानसभा है. उन्‍होंने कहा कि शिवसेना ने स्‍वार्थ के लिए 30 साल पुरानी दोस्‍ती तोड़ दी.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की प्रेस कांफ्रेंस के बाद बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि बहुमत साबित करने की सही जगह विधानसभा है. उन्‍होंने कहा कि शिवसेना ने स्‍वार्थ के लिए 30 साल पुरानी दोस्‍ती तोड़ दी. हमारे खिलाफ स्‍तरहीन शब्‍दों का प्रयोग हुआ. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जनादेश बीजेपी-शिवसेना को मिला था लेकिन सत्‍ता के लालच में इन्‍होंन साथ छोड़ दिया. उन्‍होंने शिवसेना पर तंज कसते हुए कहा कि शिवाजी की बात न करें सत्‍ता के लालची. इससे पहले शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. संख्‍या हमारे पास है. पवार ने कहा था कि बीजेपी को समर्थन देना एनसीपी का फैसला नहीं है, वो अजित पवार का फैसला है और उनके खिलाफ एक्‍शन लेंगे. उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बीजेपी का खेल सारा देश देख रहा है. ठाकरे ने कहा कि हमलोग अंधेरे में कोई काम नहीं करते हैं. कांग्रेस ने भी अपनी प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी की जमकर आलोचना की और कहा कि जो कांड हुआ है वो शर्मनाक है. महाराष्‍ट्र के इतिहास में इस घटना को काली स्‍याही से लिखा जाएगा.

रविशंकर प्रसाद के प्रेस कांफ्रेंस की 6 बड़ी बातें

  1. शरद पवार और कांग्रेस ने चुनाव परिणाम आने के बाद बयान दिया था कि हमें विपक्ष में बैठने का जनमत मिला है. तो ये विपक्ष में बैठने का जनमत कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया था?

  2. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मैनडेट था भाजपा और शिवसेना को, लेकिन बड़ी पार्टी थी भाजपा और मुख्यमंत्री का मैनडेट था योग्य और ईमानदार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी के लिए.

  3. कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की हत्या की हो गई है. जब शिवसेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर अपनी 30 साल की दोस्ती तोड़कर अपने घोर विरोधियों का दामन थाम ले तो ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है क्या?

  4. जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके उनके विषय में कुछ नहीं कहना है. उनका प्रमाणिक कांग्रेस विरोध जग जाहिर है, उनकी राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रवाद और भारत की संस्कृति-संस्कार के प्रति समर्पण प्रमाणिक है.

  5. कुछ लोग छत्रपति शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं, उनसे मैं बस इतना कहूंगा कि सत्ता के लिए अपने विचारों से समझौता करने वाले तो कम से कम छत्रपति शिवाजी की बात न करें.

  6. राज्यपाल ने तीनों पार्टियों को बुलाया था. NCP और शिवसेना को बुलाया तो उन्होंने कहा कि और समय दीजिए. आज सुबह भाजपा और अजीत पवार जी के साथ NCP के तबके ने आवेदन दिया कि हमारे पास बहुमत है. क्या शिवसेना और NCP का कोई आवेदन राज्यपाल के पास अब तक था?