Nandigram Election Results:पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत का दायरा 2016 से भी बड़ा रहा. लेकिन नंदीग्राम विधानसभा सीट से ममता की हार ने इस जीत के उत्साह को थोड़ा फीका कर दिया. ये पश्चिम बंगाल की प्रतिष्ठापूर्ण नंदीग्राम (Nandigram ) सीट का ही नतीजा था, जिस कारण तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत तय होने के बावजूद ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) दोपहर तक घर से बाहर नहीं निकलीं औऱ न ही प्रेस के सामने आईं. नंदीग्राम के चुनाव का नतीजा देर रात घोषित किया गया. करीब 17 दौर की मतगणना के बाद आधिकारिक तौर पर यह घोषित किया गया कि ममता बनर्जी को कभी उनके ही करीबी रहे शुभेन्दु अधिकारी के हाथों 1700 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. इससे नंदीग्राम के नतीजे को लेकर चली आ रही ऊहापोह खत्म हो गई.
बंगाल के रुझानों में टीएमसी की आंधी से ही यह सुबह ही साफ हो चला था कि ममता बनर्जी धमाकेदार तरीके से वापसी कर रही हैं, लिहाजा सबका ध्यान भी नंदीग्राम की ओर लग गया. ममता बनर्जी ने कोलकाता की भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा जारी डेटा के अनुसार, मुख्यमंत्री पहले 12 राउंड तक पिछड़ती रहीं. लेकिन 13वें दौर में खबर आई कि उन्हें शुभेन्दु अधिकारी पर 1453 वोटों से बढ़त बना ली है.
लेकिन महज दो राउंड पहले तक शुभेन्दु अधिकारी ने 11 हजार वोटों की बढ़त कायम कर ली थी. करीब 5 बजे न्यूज एजेंसी ANI ने यह खबर बताया कि ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव जीत लिया है और सभी मीडिया चैनलों ने भी इस खबर को वहीं से ले लिया. लेकिन थोड़ी ही देर बाद यह सामने आ गया कि ये रिपोर्ट सही नहीं थी और मतगणना अभी भी चल रही थी और परिणाम अभी तय नहीं हुआ है.
नंदीग्राम का नाटकीय घटनाक्रम ही था, जिसने बंगाल में बड़ी जीत के बावजूद ममता बनर्जी को घर से बाहर आने और मीडिया और अपने समर्थकों से बातचीत करने से रोके रखा. ममता बनर्जी 5.11 बजे दो माह में पहली बार बिना व्हील चेयर के नजर आईं. उन्होंने कुछ प्रतिक्रिया दी और बाद में मीडिया से बातचीत करने का वादा किया. एक घंटे बाद ही खबर आई की नंदीग्राम में कांटे के संघर्ष में शुभेन्दु अधिकारी आगे रहे हैं और आखिरी राउंड में वो 1622 वोटों की बढ़त बनाए हुए थे. यह अनिश्चितता 6 बजे तक कायम रही, जब ममता बनर्जी बंगाल के चुनावी नतीजों पर लंबी चर्चा के लिए बाहर आईं और वे नंदीग्राम से अपनी हार को स्वीकार करते हुए दिखीं.
ममता ने कहा, "नंदीग्राम में जो भी जनादेश होगा, वो मुझे स्वीकार होगा. मेरे लिए यह बड़ी बात नहीं है. हम जीतते हैं, हम हारते हैं. ठीक है. आज जो बात मायने रखती है, वो ये है कि बंगाल बच गया है. करीब 220 सीटों के साथ तृणमूल कांग्रेस को ऐतिहासिक जनादेश मिला है. यह लोकतंत्र की जीत है और बीजेपी और उसकी डर्टी पॉलिटिक्स की करारी हार है." हालांकि पार्टी ने 6.35 बजे ट्वीट कर कहा, नंदीग्राम में मतगणना समाप्त नहीं हुई है, लिहाजा अभी से अटकले नहीं लगाएं. आखिरकार 8 बजे आधिकारिक परिणाम सामने आया और शुभेन्दु अधिकारी को विजयी घोषित किया गया.
अधिकारी ने कहा, मैं नंदीग्राम से मिले प्यार, भरोसे, आशीर्वाद और समर्थन के लिए जनता को धन्यवाद देता हूं. मुझे नंदीग्राम से जनप्रतिनिधि के तौर पर चुने जाने के लिए मैं उनका आभार जताता हूं. मैं हमेशा नंदीग्राम की जनता के लिए बिना रुके काम करता रहूंगा. हालांकि तब तक भी आयोग की साइट पर यह दिखाता रहा था कि ममता बनर्जी आगे चल रही हैं. अधिकारियों ने कहा कि यह सिस्टम में काफी धीमे अपडेट के कारण हुआ.
चुनाव आयोग (Election Commission) के अनुसार, शुभेन्दु अधिकारी ने 11 वें राउंड तक बढ़त बनाए रखी थी, लेकिन 12वें दौर में यह पलट गया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 6 हजजार वोटों की बढ़त कायम कर ली. लेकिन अगले तीन राउंड में यह बढ़त महज 967 वोटों की रह गई. 16वें दौर में अधिकारी ने फिर 3279 वोटों की बढ़त कायम कर ली और अंततः देर रात आए नतीजों में उन्हें 1736 वोट मिले. चौंकाने वाले नतीजे के बाद टीएमसी ने सीट पर दोबारा मतगणना की मांग कर दी, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया. ममता बनर्जी की पार्टी को संदेह है कि कुछ गड़बड़ हुई है और उसने कोर्ट जाने का मन बनाया है.
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