यह ख़बर 17 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

एनडीटीवी की खबर का असर : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना, हिंडन का पानी वाकई बेहद खराब

नई दिल्ली:

जहरीला पानी जानलेवा साबित हो रहा है। दिल्ली के चौखट के पास बसे बागपत के एक गांव के लोग जहरीले पानी की वजह से कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

100 लोग दो सालों में कैंसर के चलते मारे गए और ढेरों बच्चे अपंगता के शिकार हैं। हमारी खबर को आधार बनाकर नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने पहले यूपी और केंद्र सरकार को नोटिस दिया। अब सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एनजीटी में एफिडेविट दाखिल करके माना है कि हिंडन का पानी वाकई खराब हो चुका है।

इससे पूर्व, नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने बागपत में बढ़ते कैंसर के मामलों और बच्चों में अपंगता के कारण पर दिखाई गई एनडीटीवी की खास रिपोर्ट पर यूपी सरकार से जवाब तलब किया था। दरअसल, एनडीटीवी ने दिखाया था कि कैसे दूषित पानी के चलते बागपत में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। बच्चों में विकलांगता के मामले बढ़ रहे हैं। एनडीटीवी की खबर को आधार बनाकर एनजीटी ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस पर जवाब देने को कहा था।

जिस खबर पर एनजीटी ने यूपी सरकार से जवाब मांगा, वह खबर एनडीटीवी संवाददाता परिमल कुमार ने दी थी, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए थे। दो सालों में करीब सौ लोगों की मौत यहां सिर्फ कैंसर की वजह से हो चुकी है।

देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वच्छ भारत' अभियान पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन दिल्ली की सीमा से कुछ किलोमीटर दूर बसे बागपत के एक गांव में लोग साफ पानी को भी तरस रहे हैं। जानलेवा बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।

यहां के पानी में हर तरीके का प्रदूषण निकला है। सवाल यह भी है कि जमीन के भीतर मौजूद पानी में जहर घुला कैसे? जवाब गांव से सिर्फ 200 मीटर दूर बहने वाली हिंडन से मिला, जिसके पानी को उसके आसपास मौजूद कल-कारखानों और फैक्टरियों ने जहरीला बना दिया है।


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