यह ख़बर 24 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'सामान्य श्रेणी के मेधावी छात्रों के लिए सीटें बढ़ाए तमिलनाडु'

खास बातें

  • सामान्य श्रेणी के छात्रों की शिक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की राज्य सरकार को आदेश दिया है कि इस वर्ग के मेधावी छात्रों को प्रवेश देने के लिए अतिरिक्त सीटों की व्यवस्था की जाए।
नई दिल्ली:

सामान्य श्रेणी के छात्रों की शिक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की राज्य सरकार को आदेश दिया है कि इस वर्ग के मेधावी छात्रों को प्रवेश देने के लिए अतिरिक्त सीटों की व्यवस्था की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल की पढ़ाई के लिए एक छात्र द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह फैसला दिया।

कहा जा रहा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए 99 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 24 छात्रों को इस आदेश का तुरंत लाभ मिलेगा। जानकारी के अनुसार 69 फीसदी आरक्षण की वजह से इन मेधावी छात्रों को राज्य के किसी भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला।

उल्लेखनीय है कि राज्य में शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 69 फीसदी आरक्षण लागू है जबकि केंद्र में 49.5 फीसदी आरक्षण है। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण 50 फीसदी तक रखने का आदेश दे रखा है। जबकि तमिलनाडु में 1994 से यह आरक्षण नीति लागू है।

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सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी राज्य को एक पिछड़ा वर्ग आयोग गठित कर अपनी इस नीति की समीक्षा करने का आदेश दिया है। वहीं, राज्य सरकार ने 1991 की जनगणना का पैमाना दिखाकर यह बताया कि राज्य में एससी/एसटी और पिछड़ा वर्ग के 88 फीसदी लोग हैं और वह इसलिए इस नीति के तहत आगे बढ़ेगी।