जयपुर:
राजस्थान के शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा ने ‘आर्ट आफ लिविंग’ के प्रणेता श्री श्री रविशंकर द्वारा कल जयपुर में सरकारी स्कूलों को लेकर दिये बयान को दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण बताया है। वहीं शिक्षा क्षेत्र से जुडे संगठनों और विद्यार्थियों में बयान को लेकर गुस्सा है।
शर्मा ने बुधवार को कहा ‘रविशंकर ने सरकारी स्कूलों के बारे में जो कुछ कहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा निजी शिक्षण संस्थान तो कुछ सालों से है। पहले तो सरकारी स्कूल ही हुआ करते थे, राजस्थान में ऐसा कोई उदाहरण सामने नहीं आया, जिस तरह का बयान उन्होंने (रविशंकर) दिया है।’ राजस्थान शिक्षक पंचायत राज शिक्षण संघर्ष समिति से जुडे नारायण सिंह ने कहा भारत में अस्सी प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ते है। फिर क्या इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नक्सलवाद और हिंसा के रास्ते पर गए है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों से पढे बच्चे ही उच्च पदों पर गये है, जिनका जिक्र रविशंकर ने नहीं कर पक्षपात रवैया अपनाया है। सरकारी स्कूलों में हर वर्ग के बच्चे पढते है, जिनमें मध्यम एवं गरीब परिवारों के बच्चों की संख्या सबसे अधिक होती है।
जयपुर के झालाना डूंगरी स्थित सीनियर हायर सेकेंडरी की छात्रा निशा ने ‘आर्ट आफ लिविंग’ के प्रणेता के बयान पर नाराजगी जताते हुए बयान वापस लेने ओर माफी मांगने की मांग की है। श्रीश्री रविशंकर ने सरकारी स्कूलों के बारे में बयान देकर इन स्कूलों में पढने वाले बच्चों का अपमान किया है।
गौरतलब है कि रविशंकर ने कल जयपुर के एक निजी शिक्षण संस्थान में समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा था, ‘सरकार को सरकारी स्कूलों को बंद कर देना चाहिये क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढे बच्चे नक्सलवाद और हिंसा के रास्ते पर चले जाते हैं। निजी स्कूलों में पढ़े बच्चे संस्कारवान होते हैं।’
शर्मा ने बुधवार को कहा ‘रविशंकर ने सरकारी स्कूलों के बारे में जो कुछ कहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा निजी शिक्षण संस्थान तो कुछ सालों से है। पहले तो सरकारी स्कूल ही हुआ करते थे, राजस्थान में ऐसा कोई उदाहरण सामने नहीं आया, जिस तरह का बयान उन्होंने (रविशंकर) दिया है।’ राजस्थान शिक्षक पंचायत राज शिक्षण संघर्ष समिति से जुडे नारायण सिंह ने कहा भारत में अस्सी प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ते है। फिर क्या इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नक्सलवाद और हिंसा के रास्ते पर गए है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों से पढे बच्चे ही उच्च पदों पर गये है, जिनका जिक्र रविशंकर ने नहीं कर पक्षपात रवैया अपनाया है। सरकारी स्कूलों में हर वर्ग के बच्चे पढते है, जिनमें मध्यम एवं गरीब परिवारों के बच्चों की संख्या सबसे अधिक होती है।
जयपुर के झालाना डूंगरी स्थित सीनियर हायर सेकेंडरी की छात्रा निशा ने ‘आर्ट आफ लिविंग’ के प्रणेता के बयान पर नाराजगी जताते हुए बयान वापस लेने ओर माफी मांगने की मांग की है। श्रीश्री रविशंकर ने सरकारी स्कूलों के बारे में बयान देकर इन स्कूलों में पढने वाले बच्चों का अपमान किया है।
गौरतलब है कि रविशंकर ने कल जयपुर के एक निजी शिक्षण संस्थान में समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा था, ‘सरकार को सरकारी स्कूलों को बंद कर देना चाहिये क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढे बच्चे नक्सलवाद और हिंसा के रास्ते पर चले जाते हैं। निजी स्कूलों में पढ़े बच्चे संस्कारवान होते हैं।’
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