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This Article is From Jun 17, 2013

हिमाचल भूस्खलन में 10 की मौत, मुख्यमंत्री सहित 1500 पर्यटक फंसे

हिमाचल भूस्खलन में 10 की मौत, मुख्यमंत्री सहित 1500 पर्यटक फंसे
शिमला: हिमाचल प्रदेश में अनवरत हो रही बारिश के चलते भूस्खलन के कारण किन्नौर जिले के सुदूरवर्ती इलाके में 10 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक ही परिवार के पांच सदस्य शामिल हैं तथा मुख्यमंत्री सहित 1,500 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। पर्यटकों में अधिकतर पश्चिम बंगाल के लोग हैं। राज्य के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

हिमाचल प्रदेश के मंडी विधानसभा क्षेत्र में 23 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए चुनावी रैली करने निकले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी फंसने वालों में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री और उनके साथ गए कार्यकर्ता पिछले दो दिनों से शिमला से 275 किलोमीटर दूर सांगला में फंसे हुए हैं।

पुलिस अधीक्षक जी. शिवा ने सोमवार को बताया, "सोमवार को तड़के चागांव में एक घर पर बोल्डर गिर जाने के कारण घर में सो रहे एक ही परिवार के पांच सदस्य, जिसमें तीन बच्चे शामिल हैं, जिंदा ही घर के मलबे में दब गए।" उन्होंने बताया कि पूरे किन्नौर जिले में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है।

यहां तक कि जिले के पूह ब्लॉक में एक फुट से अधिक बर्फबारी हुई, जिसे स्थानीय निवासी असमय हुई बर्फबारी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि रविवार से अब तक जिले में विभिन्न जगहों पर हुए भूस्खलन में अन्य पांच लोगों की मौत हो गई।

उनके मुताबिक, किन्नौर एवं सांगला घाटी में सड़कों को फिर से जोड़ने के लिए काम किया जा रहा है, जो भूस्खलन के कारण कट गया था तथा सांगला और चिटकुल गांवों के बीच बड़ी संख्या में पर्यटक फंस गए हैं।

मुख्य सचिव सुदिप्तो राव ने शिमला में पत्रकारों से बताया कि निर्वाचन आयोग ने सांगला से मुख्यमंत्री को हवाई मार्ग द्वारा निकालने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को हवाई मार्ग द्वारा अभी वहां से नहीं निकाला जा सकता क्योंकि मौसम अभी भी बहुत खराब है।" उन्होंने कहा कि जैसे ही मौसम ठीक होगा, मुख्यमंत्री सहित फंसे पर्यटकों को वहां से निकालने का काम शुरू होगा। उन्होंने आगे बताया, "वहां फंसे हुए सभी पर्यटक ठीक हैं तथा होटलों एवं अतिथिगृहों में ठहरे हुए हैं।"

सरकार के एक प्रवक्ता ने पर्यटकों को सुझाव दिया है कि किन्नौर, शिमला और सिरमौर के सुदूरवर्ती इलाकों में न जाएं, क्योंकि मंगलवार तक भारी बारिश के आसार हैं।

मुख्यमंत्री के साथ सांगला में फंसे स्थानीय विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिले में निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को सर्वाधिक नुकसान बर्फबारी के कारण पूह ब्लॉक में हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने आपदा राहत के लिए 3.5 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

किन्नौर जिले के कल्पा शहर में पिछले 24 घंटों में हुई बारिश ने राज्य में पिछले 15 वर्षो का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले 24 घंटों में कल्पा में 202 मिलीमीटर बारिश हुई है।

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा, "इस महीने किसी भी एक दिन में हुई यह सर्वाधिक वर्षा है। इससे पहले वर्ष 1998 में एक दिन में 73 मिलीमीटर बारिश हुई थी।"

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