Weather Report : बुरी तरह झुलसा रहा सूरज, 45 के पार पहुंचा पारा; मई में यहां हालत होगी और खराब

मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में 1990 के बाद से अप्रैल महीने में इस साल सर्वाधिक औसत अधिकतम तापमान दर्ज किया गया. साथ ही, क्षेत्र में मई में भी गर्मी से राहत नहीं मिलेगी.

नई दिल्ली:

इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में खतरनाक गर्मी पड़ रही है. अबकी बार अप्रैल ने गर्मी का रिकॉर्ड कायम कर दिया. 1901 के बाद यह पहला अप्रैल था, जब अप्रैल महीने का औसत तापमान इतने ऊंचे स्तर पर पहुंच गया. इसी वजह से पूरा उत्तर भारत हीट वेव की चपेट में है. दिल्ली, यूपी, मध्यप्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में तापमान सामान्य से 4 डिग्री ऊपर है. उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में तापमान अभी और बढ़ने वाला है.

मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक 5 मई के बाद बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बनने के आसार हैं. इसके असर से देश के कुछ हिस्सों में बारिश के आसार जताए जा रहे हैं. इससे मई का तीसरा हफ्ता गर्मी से थोड़ी राहत दे सकता है. हालांकि इस चक्रवात का असर गुजरात, राजस्थान और पंजाब में नहीं होगा. कल यानी 2 मई से कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है, यानी कुछ हिस्सों में गर्मी से थोड़ी-बहुत राहत की उम्मीद जरूर है.

दिल्ली में रविवार को अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान क्रमश: 43 और 25 डिग्री सेल्सियस के नजदीक रह सकता है. उत्तर भारत के कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच चुका है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में 2 मई तक लू चलेगी. फिलहाल तो गर्मी से राहत मिलने की कोई खास उम्मीद नहीं है.लेकिन कुछ जगहों पर बारिश का अनुमान जताया गया है. 

अप्रैल में पड़ी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी

मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में 1990 के बाद से अप्रैल महीने में इस साल सर्वाधिक औसत अधिकतम तापमान दर्ज किया गया. साथ ही, क्षेत्र में मई में भी गर्मी से राहत नहीं मिलेगी. मई के लिए तापमान और बारिश से जुड़े पूर्वानुमान जारी करते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में मई के महीने में रात में भी गर्मी महसूस होगी.

उन्होंने कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में इस साल अप्रैल पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक गर्म रहा, जहां औसत अधिकतम तापमान क्रमश: 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. इससे पहले उत्तर-पश्चिम भारत में अप्रैल 2010 में औसत अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस, जबकि मध्य भारत में अप्रैल 1973 के दौरान औसत अधिकतम तापमान 37.75 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

उत्तर भारत में राहत के आसार नहीें

महापात्रा ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश भागों - जम्म कश्मीर, हिमाचल, गुजरात, राजस्थान, पजांब और हरियाणा - को मई में भी सामान्य से अधिक तापमान का सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि अप्रैल के दौरान देशभर में औसत तापमान 35.05 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 122 वर्षों में चौथी बार सबसे अधिक रहा है. उन्होंने कहा कि देश में इस साल मई के दौरान औसत बारिश सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. साथ ही कहा कि मई में उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.

महापात्रा ने पश्चिमी राजस्थान के कुछ भागों में तापमान 50 डिग्री के पार चले जाने की संभावना को खारिज नहीं किया. इस बार गर्मी के मौसम में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से जुड़े सवाल पर महापात्रा ने कहा, ''मैं इस तरह का पूर्वानुमान नहीं जता सकता. हालांकि, यह जलवायु के अनुसार संभव है क्योंकि मई सबसे गर्म महीना है.''उत्तर प्रदेश के बांदा में शनिवार को तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि देश में सर्वाधिक रहा.

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आईएमडी के महानिदेशक ने कहा कि ''लगातार कमजोर वर्षा गतिविधि'' के कारण मार्च और अप्रैल में उच्च तापमान दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में मार्च के दौरान बारिश में करीब 89 फीसदी जबकि अप्रैल में 83 फीसदी गिरावट देखी गई. देश में लोगों को - खासकर उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी भागों में- पिछले कुछ सप्ताह से लू का सामना करना पड़ रहा है.

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