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This Article is From Oct 05, 2020

हाथरस गैंगरेप केस की जांच को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

Hathras Case: जनहित याचिका में सीबीआई या एसआईटी जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज से कराने की मांग की गई

हाथरस गैंगरेप केस की जांच को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (UP) के हाथरस (Hathras) में एक युवती के सामूहिक बलात्कार (Gang Rape) और मौत के मामले की CBI या SIT से जांच कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मंगलवार को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है. इसमें मामले की जांच सीबीआई या SIT से कराने की मांग की गई है. 

याचिका में जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) या हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज से कराने की मांग भी की गई है. दिल्ली निवासी सत्यमा दुबे, विकास ठाकरे, रुद्र प्रताप यादव और सौरभ यादव ने यह याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि यूपी में मामले की जांच और ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो पाएगी.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना के बाद देश भर में उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ सवाल उठने लगे हैं. यूपी सरकार ने मामले की जांच CBI से कराने का फैसला लिया है. सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम दुबे और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि "निष्पक्ष" जांच की आवश्यकता है. याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं. पुलिस के विपक्षी नेताओं के साथ टकराव और रात 2.30 बजे शव के अंतिम संस्कार किए जाने का जिक्र याचिका में किया गया है.

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जनहित याचिका में मांग की गई है कि जब यह ट्रायल शुरू हो, तो इसे यूपी से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जाए. भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की अगुवाई में तीन सदस्यीय पीठ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जनहित याचिका पर सुनवाई करेगी.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिन्होंने दावा किया है कि उनकी सरकार "महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है", पहले ही सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है. राज्य की भाजपा सरकार द्वारा हाथरस जिले से पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. बता दें कि पिछले सप्ताह दिल्ली के एक अस्पताल में पीड़िता का निधन हो गया, पीड़िता को गंभीर चोटें आईं थीं. मामले को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया मामले की तरह ही देखा जा रहा है.

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