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This Article is From May 25, 2018

निपाह वायरस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी, परीक्षाएं स्थगित और अंतिम संस्कार के लिए प्रोटोकॉल जारी

कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में निपाह विषाणु के फैलने के डर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम जनता और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के लिए एडवाइजरी जारी की है.

निपाह वायरस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी, परीक्षाएं स्थगित और अंतिम संस्कार के लिए प्रोटोकॉल जारी
फाइल फोटो
नई दिल्ली: कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में निपाह विषाणु के फैलने के डर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम जनता और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें यह बताया गया है कि इन्हें अति जोखिम वाले इलाकों में क्या एहतियाती कदम उठाने चाहिए और साथ ही यह जानकारी दी गई है कि यह बीमारी कैसे फैलती है और इसके क्या लक्षण होते हैं. वहीं केरल में निपाह विषाणु से प्रभावित एक और व्यक्ति की गुरुवार को मृत्यु हो गयी. इस के साथ राज्य में इस खतरनाक विषाणु से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. 

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इस बीच एनआईपी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आई है लेकिन कोझीकोड के आयुक्त यू.वी.जोस ने 31 मई तक सभी सार्वजनिक सभाओं, ट्यूशन कक्षाओं सहित सभी प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी है. यह कदम लोगों को भीड़ व समूह में एक-दूसरे के संपर्क में आने से रोकने के लिए उठाया गया है. कालीकट विश्वविद्यालय ने गुरुवार को इस सप्ताह होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित करने की घोषणा की. जिले में मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक लोक सेवा परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है. स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को कहा कि पुणे में परीक्षण के लिए कुल 160 नमूने भेजे गए हैं. इसमें से 22 के परिणाम आए हैं, जिनमें से 14 में वायरस के होने की पुष्टि की गई है. इन 14 के साथ कोझिकोड की एक नर्सिग की छात्रा वायरस से संक्रमित पाई गई है. कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 136 मरीज और पास के मलप्पुरम जिले में 24 मरीज हैं, जिन्हें निगरानी में रखा गया है.

अंतिम संस्‍कार के लिए प्रोटोकॉल जारी किया 
इस बीच अधिकारियों ने एनआईपी पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए एक प्रोटोकॉल जारी किया है. वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दाह संस्कार को सबसे बेहतर बताया गया है, लेकिन यदि परिवार दफनाने का विकल्प चुनते हैं तो शव को एक पॉलीथीन बैग से ढका जाना होगा और फिर बहुत गहरे गड्ढे में दफनाना होगा. एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में मेडिकल पेशेवरों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों को तैनात किया है. इसके अलावा निजी क्षेत्र भी कोझिकोड व मलप्पुरम में काम कर रहा है. साथ ही जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. मलप्पुरम जिला मेडिकल अधिकारी के.सकीना ने मीडिया से कहा कि जिले के लोगों को सिर्फ यही करने की जरूरत है कि वे स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें.

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उन्होंने कहा, "हालात नियंत्रण में है. यह देखने में आया है कि यदि किसी को बुखार है तो घबराहट फैल जा रही है और जब किसी में इस बीमारी के होने की पुष्टि हो जा रही है तो फिर उसके सभी पड़ोसी व संबंधी भी घबरा जा रहे हैं." डॉक्टर सकीना ने कहा, "हमने एक नियंत्रण कक्ष खोला है और हम सर्तक हैं. इसे रोकने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं. किसी को डरने की जरूरत नहीं है, इसके बजाय हमारे साथ सहयोग करना चाहिए." कोझिकोड के अधिकारियों ने दो कर्मचारियों पर सरकारी शवदाह गृह में दाहसंस्कार में सहयोग नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है. 

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मंत्रालय ने आम जनता को ताड़ी, जमीन पर पड़े पहले से खाए हुए फलों का सेवन करने और इस्तेमाल में ना लाए जा रहे कुओं में ना जाने तथा केवल ताजा फल खाने की सलाह दी है. परामर्श में सूचना दी गई है कि चमगादड़ , सूअर , कुत्ते , घोड़ों जैसे जानवरों में फैलने वाला निपाह विषाणु जानवरों से मनुष्यों में भी फैल सकता है और इससे कई बार मनुष्यों को गंभीर बीमारी भी हो सकती है.

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