यह ख़बर 12 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हज़ारे का सोनिया को पत्र, गुमराह न करे सरकार

खास बातें

  • हज़ारे ने सोनिया को लिखे पत्र में लोकपाल विधेयक के संसद के मानसून सत्र में पारित नहीं होने की स्थिति में 16 अगस्त से फिर अनशन पर जाने की बात दोहराई है।
नई दिल्ली:

गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस नेताओं द्वारा उन्हें भाजपा और आरएसएस का मुखौटा बताए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है। हज़ारे ने सोनिया को लिखे पत्र में लोकपाल विधेयक के संसद के मानसून सत्र में पारित नहीं होने की स्थिति में 16 अगस्त से फिर अनशन पर जाने की बात दोहराई है। उन्होंने कहा कि उन्हें 30 जून तक विधेयक का मसौदा तैयार हो पाने पर भी संदेह है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता और सरकार के मंत्री उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। इसके चलते वह इस निर्णय पर पहुंच गए हैं कि सरकार में बैठे लोग धोखा देते हैं और झूठ बोलते हैं। कांग्रेस नेताओं के बयानों से आहत हज़ारे ने कहा, पांच अप्रैल को जंतर-मंतर पर देशवासियों ने हमारे आंदोलन को जिस तरह समर्थन दिया, वैसा समर्थन फिर नहीं मिले, इसी लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह मुझे लोकशाही के लिए चिंता का विषय लगता है। हज़ारे ने सोनिया को यह पत्र नौ जून को हिंदी में लिखा था। इसे आज उनके आंदोलन इंडिया अगेन्स्ट करप्शन की ओर से सार्वजनिक किया गया। गांधीवादी ने सोनिया से कहा, आपकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि अन्ना हज़ारे तो भाजपा और संघ का मुखौटा हैं। 73 साल के अपने जीवन में मैं कभी भी किसी पार्टी के नजदीक नहीं रहा। इसका कारण यह है कि हर पार्टी और पक्ष में भ्रष्टाचार नजर आता है। हज़ारे ने सोनिया से कहा, पांच अप्रैल को जब मैंने जंतर-मंतर पर अनशन किया तो हमने किसी भी दल के नेता को मंच पर आने की अनुमति नहीं दी। पूरे देशवासियों ने यह देखा और आप भी इस बात को जानती हैं। ऐसे में मुझपर भाजपा और संघ का मुखौटा होने का आरोप लगाना कहां तक सही है? उन्होंने कहा, अनशन के बाद मैं गुजरात गया और कहा कि महात्मा गांधी का राज्य होते हुए भी वहां कई घोटाले हैं। वहां भाजपा की सरकार है। अगर मेरा भाजपा से संबंध होता तो मैं इस तरह की बात क्यों कहता। गांधीवादी ने पत्र में कहा कि कालेधन के मुद्दे पर बाबा रामदेव के अनशन में शामिल होने के बारे में उन्होंने एक शर्त रखी थी कि मंच पर किसी पार्टी के लोग या साम्प्रदायिक तत्वों के नहीं होने पर ही वह रामलीला मैदान जायेंगे। ऐसे में उन पर भाजपा और संघ का मुखौटा होने का आरोप कैसे लगाया जा सकता है। अगर इस बारे में कांग्रेस के पास कोई ठोस सबूत है तो वह कृपया उन्हें सार्वजनिक करे। गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस नेताओं ने हज़ारे पर भाजपा और संघ का मुखौटा होने का आरोप लगाया था। हज़ारे ने सोनिया से कहा, आपकी पार्टी के महासचिवों द्वारा ये महाझूठी बातें कही गयी हैं। यह मुझे चिंता का विषय लगती हैं और आहत करती हैं। हज़ारे ने लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर भी कांग्रेस और सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया कि सरकार को अगर लोकपाल विधेयक संसद में पेश करने में रूचि है तो नागरिक समाज के सदस्यों के साथ इस तरह का दुर्व्‍यवहार क्यों किया गया। हज़ारे ने कहा, सरकार के कई जिम्मेदार मंत्रियों की झूठ बोलकर मुझे बदनाम करने की साजिश और लोकपाल विधेयक में महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल करने के प्रति सरकार की उदासीनता को देखते हुए मैं इस निर्णय पर पहुंचा हूं कि सरकार में बैठे लोग धोखा देते है और झूठ बोलते हैं। सोनिया को लिखे पत्र में गांधीवादी ने दोहराया कि अगर 15 अगस्त तक एक सख्त लोकपाल कानून नहीं बना तो जब तक शरीर में प्राण है, वह अनशन करेंगे। उन्होंने कहा, मेरी विनती है कि आप आपकी पार्टी के कई जिम्मेदार लोगों को बेवजह किसी का चरित्र हनन करने से रोकें और सरकार भी जनलोकपाल विधेयक के बारे में जनता को गुमराह करने की कोशिश नहीं करे।


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