यह ख़बर 05 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हजारे के अभियान को मिला देशभर में समर्थन

खास बातें

  • भाजपा और जनता दल (यु) ने हजारे के अनशन को अपना समर्थन दिया है जबकि कांग्रेस ने हजारे के उपवास को 'असामयिक' करार दिया है।
नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर वरिष्ठ समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने जहां मंगलवार को 'आमरण अनशन' शुरू किया वहीं मुम्बई, बेंगलुरू और लखनऊ सहित कई शहरों में लोगों ने उपवास रख हजारे को अपना समर्थन दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (युनाइटेड) ने हजारे के अनशन को अपना समर्थन दिया है। जबकि कांग्रेस ने हजारे के उपवास को 'असामयिक' करार दिया है। महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद हजारे ने जंतर-मंतर पर अपना अनशन शुरू किया। अनशन पर बैठने से पहले हजारे ने कहा, "यह दूसरा 'सत्याग्रह' है।" इस बीच हजारे समर्थक सुबह के वक्त लोकपाल विधेयक के समर्थन में राष्ट्र ध्वज और तख्तियों के साथ राजघाट और जंतर-मंतर पर एकत्रित हुए। इस मौके पर हजारे के समर्थन में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, स्वामी अग्निवेश, मैगसेसे पुरस्कार विजेता किरन बेदी, संदीप पांडे सहित अन्य लोग शामिल हुए। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू करने वाले संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन के मुताबिक हजारे के समर्थन में 5000 से अधिक लोग जंतर-मंतर पर एकत्रित हुए जबकि 400 से अधिक शहरों और कस्बों में समर्थक अपने-अपने स्थानों से इस अभियान के लिए अपना समर्थन दिया। उपवास शुरू करने से पहले हजारे ने पत्रकारों से कहा, "मैं उपवास पर बैठने जा रहा हूं क्योंकि हम लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने में नागरिक समाज की नुमाइंदगी चाहते हैं। हम चाहते हैं कि 50 प्रतिशत सरकार और इतने ही नागरिक समाज के प्रतिनिधि मसौदे को तैयार करें।" ज्ञात हो कि हजारे द्वारा उपवास पर जाने के फैसले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को 'गहरी निराशा' जताई थी लेकिन उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता और उनके अभियान का वह काफी सम्मान करते हैं। हजारे ने पूछा, "प्रधानमंत्री का कहना है कि वह मुझमें विश्वास करने के साथ ही मेरा सम्मान करते हैं..तो उन्होंने एक दिन के लिए भी हमारे साथ बैठकर चर्चा क्यों नहीं की?" भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू किए गए हजारे के इस अभियान में कई शहरों में लोग शामिल हुए। लखनऊ में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी लड़ाई के समर्थन में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। छात्रों, वकीलों, चिकित्सकों, शिक्षकों व अन्य पेशेवरों ने कैसरबाग इलाके के ग्लोब पार्क में आयोजित हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लिया। बेंगलुरू में योग शिक्षक महेंद्र कुमार गांधी (51) ने फ्रीडम पार्क में हजारे का अनुसरण करते हुए आमरण अनशन शुरू किया। गांधी का अनुसरण 50 से अधिक लोगों ने किया। प्रदर्शन के संयोजक आनंद यादवाद ने बेंगलुरू में बताया कि मैसूर, मंगलोर, उडुपी, हुबली-धारवाड़, बेलगाम, बेल्लारी, तुमकुर के अलावा कर्नाटक के अन्य स्थानों पर लोगों ने उपवास कर विरोध जताया। मुम्बई में भी हजारे के समर्थन में रैली निकाली गई। रैली में 5,000 से अधिक लोगों ने सामाजिक कार्यकर्ता का समर्थन किया। रैली में कारों और मोटरसाइकिल के साथ लोग शामिल हुए। आजाद मैदान में कई लोगों ने एक दिन का उपवास रखा। ज्ञात हो कि कार्यकर्ता सरकार से विधि विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं अरविंद केजरीवाल, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े और वरिष्ठ वकील द्वारा तैयार जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार करने की मांग कर रहे हैं। इस विधेयक में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रवाधान किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हजारे के इस अभियान को अपना समर्थन दिया है। भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में कहा, "आज पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहा है। लोगों की इच्छाओं का सम्मान होना चाहिए।" जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि जन लोकपाल विधेयक समय की जरूरत है और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से निपटने में सक्षम है। कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विधेयक पर चर्चा के लिए रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी की अध्यक्षता में एक उप समिति बनाई है। तिवारी ने कहा, "जब विधेयक को लेकर प्रक्रिया जारी है ऐसे समय में इस तरह के रास्ते का चुनाव करना उचित नहीं है, सम्भवत: यह अनावश्यक है। हम हजारे का बहुत आदर करते हैं लेकिन जो रास्ता उन्होंने चुना है वह असामयिक है।"


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