हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) के मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर (Sandeep Thakur) ने उत्तर प्रदेश पुलिस को एक चिट्ठी लिखकर दावा किया है उसे और बाकी तीन आरोपियों को इस केस में फंसाया जा रहा है. उसने उल्टा पीड़िता की मां और भाई पर ही उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उसने चिट्ठी में सभी 'आरोपियों के लिए न्याय' की मांग की है. 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में कथित रूप से गैंगरेप और प्रताड़ना की शिकार हुई 20 साल की पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, हर रोज इस केस में नए मोड़ सामने आ रहे हैं.
जेल में बंद संदीप ठाकुर ने हाथरस पुलिस को लिखी इस चिट्ठी में दावा किया है कि वो और पीड़िता 'दोस्त' थे. एक-दूसरे से कभी-कभी मिलने के अलावा वो कभी-कभार फोन पर भी बात करते थे. उसने बुधवार को यह चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी हाथ से हिंदी में लिखी गई है. इस चिट्ठी पर चारों आरोपियों ने अंगूठे से स्याही लगाई है.
यह चिट्ठी तब सामने आई है, जब पुलिस ने दावे किए हैं कि उसे कुछ ऐसे सबूत मिले हैं कि पीड़िता का परिवार इन आरोपियों में से एक को जानता था. यूपी पुलिस ने दावा किया है कि कॉल रिकॉर्ड्स से यह सामने आया है कि पीड़िता का भाई संदीप ठाकुर के टच में था. दोनों के बीच में पिछले साल अक्टूबर से लेकर इस साल मार्च तक के बीच में कुछ 14 बार फोन कॉल किया गया था.
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आरोपी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पीड़िता के परिवार को उनकी दोस्ती पसंद नहीं थी. उसने लिखा है, 'घटना वाले दिन, मैं उससे खेतों में मिलने गया था, जहां उसकी मां और भाई भी थे. उसने मुझसे घर जाने को कहा तो मैं वापस चला आया. और जानवरों को चारा खिलाने लगा.' उसने आगे लिखा है, 'मुझे बाद में गांव वालों से पता चला कि उसकी मांग और भाई ने हमारी दोस्ती की वजह से उसकी पिटाई की और उसे बुरी तरह घायल कर दिया है. मैंने कभी उसे मारा नहीं था, न ही उसके साथ कुछ गलत किया था. उसके परिवार ने मुझे और तीन अन्य पर आरोप लगाकर हमें जेल भिजवा दिया. हम सभी निर्दोष हैं. हमारा आग्रह है कि इसकी जांच की जाए और हमें न्याय दिलाया जाए.'
ये आरोपी अलीगढ़ जेल में बंद हैं. यहां के एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंंने हाथरस पुलिस को एक चिट्ठी भेजी है. अलीगढ़ जेल के सीनियर सुपरिटेंडेंट आलोक सिंह ने बताया कि 'उन्होंने कल शाम को हाथरस एसपी को चिट्ठी भेजी है. कानून के मुताबिक, हमने एसपी को लेटर भिजवा दिया है. उन्होंने अपना पक्ष रखा है. अब जांच एजेंसियां इसको देखेंगी.'
पीड़िता के पिता ने इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने NDTV से बातचीत में कहा, 'मैंने अपनी बेटी को खो दिया है. हम वो हमपर कीचड़ उछाल रहे हैं. हम इससे डरते नहीं हैं. आरोप पूरी तरह से गलत हैं. हमें किसी तरह का कोई मुआवजा या फिर पैसा नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए.'
Video: खौफ में हाथरस का पीड़ित परिवार
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