फाइल फोटो
चंडीगढ़:
हरियाणा सरकार ने कमीशन ऑफ इनक्वायरी एक्ट, 1952 के अन्तर्गत जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय और राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत)एस एन झा की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच आयोग की नियुक्ति की है।
आयोग 18 फरवरी से 23 फरवरी, 2016 के दौरान रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, हिसार, कैथल और भिवानी में मौतों, संपति का नुकसान, निजी और सार्वजनिक सम्पति सहित सड़कें, नहरें, रेलवे स्टेशन, पुलिस स्टेशन और अवैध रूप से पेड़ों को काटकर रास्तों को बंद करने तथा मानवाधिकारों का हनन से संबंधित सभी घटनाओं और उसके तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करेगा।
आयोग सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने के लिए रचे गए गहरे षड्यंत्र यदि कोई है, तो उसकी भी जांच करेगा। यदि इस प्रकार का कोई भी मुद्दा मिलता है तो उसको जांच में शामिल किया जाएगा। इस आयोग के अन्य सदस्य, पूर्व आईपीएस अधिकारी एन सी पाधी, जो केन्द्र सरकार में सुरक्षा सचिव रहे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में घोषणा की थी कि आरक्षण आंदोलन के दौरान आगजनी और उपद्रव की हाल की घटनाओं की जांच करने के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा। आयोग व्यक्तिगत या संगठनों के माध्यम से आयोग के समक्ष की जाने वाली शिकायतों और आरोपों की विशेषतौर पर जांच करेगा। आयोग को अपनी पहली बैठक की तारीख़ से 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। आयोग का मुख्यालय चंडीगढ़ में होगा।
आयोग 18 फरवरी से 23 फरवरी, 2016 के दौरान रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, हिसार, कैथल और भिवानी में मौतों, संपति का नुकसान, निजी और सार्वजनिक सम्पति सहित सड़कें, नहरें, रेलवे स्टेशन, पुलिस स्टेशन और अवैध रूप से पेड़ों को काटकर रास्तों को बंद करने तथा मानवाधिकारों का हनन से संबंधित सभी घटनाओं और उसके तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करेगा।
आयोग सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने के लिए रचे गए गहरे षड्यंत्र यदि कोई है, तो उसकी भी जांच करेगा। यदि इस प्रकार का कोई भी मुद्दा मिलता है तो उसको जांच में शामिल किया जाएगा। इस आयोग के अन्य सदस्य, पूर्व आईपीएस अधिकारी एन सी पाधी, जो केन्द्र सरकार में सुरक्षा सचिव रहे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में घोषणा की थी कि आरक्षण आंदोलन के दौरान आगजनी और उपद्रव की हाल की घटनाओं की जांच करने के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा। आयोग व्यक्तिगत या संगठनों के माध्यम से आयोग के समक्ष की जाने वाली शिकायतों और आरोपों की विशेषतौर पर जांच करेगा। आयोग को अपनी पहली बैठक की तारीख़ से 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। आयोग का मुख्यालय चंडीगढ़ में होगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं