सैंपल भेजे जाने के दो दिन पहले ही गोमांस जांच के लिए अधिकृत हुई थी लैब

सैंपल भेजे जाने के दो दिन पहले ही गोमांस जांच के लिए अधिकृत हुई थी लैब

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • मेवात की बिरयानी के सैंपल हिसार की लैब में भेजे गए हैं
  • सैंपल भेजे जाने के दो दिन पहले ही लैब को अधिकृत किया गया
  • अब तक यह प्रयोगशाला जानवरों की बीमारी पता लगाने का काम करती आई है
हिसार:

हरियाणा के मेवात के गांवों से उठाए बिरयानी के सैंपल हिसार की जिस लैब में जांच के लिए भेजे गये हैं उसे राज्य सरकार ने पिछले महीने ही गोमांस की जांच के लिए मान्यता दी थी. यह टेस्टिंग लैब हिसार कृषि विश्वविद्यालय के 400 एकड़ के कैंपस में है और लाला लाजपत राय पशु चिकित्सालय और पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी का हिस्सा है. राज्य सरकार ने इस साल 22 अगस्त को मांस टेस्ट के लिये इस प्रयोगशाला को अधिकृत किया था.
 


इस चिट्ठी में लिखा गया है कि 'जब तक सरकार द्वारा यमुना नगर और फरीदाबाद में गोमांस की टेस्टिंग लैब का काम पूरा नहीं हो जाता तब तक लाला लाजपत राय पशु चिकित्सालय और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार द्वारा दी गई मांस टेस्टिंग रिपोर्ट को कानूनी वैधता होगी.' दिलचस्प है कि इस लैब को अधिकृत किये जाने के दो दिन बाद ही 24 अगस्त को मेवात के गांवों से सात सैंपल इस प्रयोगशाला में आए और सभी पॉजिटिव पाए गए.
 
हिसार कृषि विश्वविद्यालय

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सालय और पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी के उपकुलपति मेजर जनरल डॉ. श्री कांत ने कहा कि उनका काम सिर्फ यहां भेजे गए नमूनों की जांच करना था और इसी आधार पर 5 सितंबर को रिपोर्ट भेजी गई. हमें बताया गया कि अब तक इस प्रयोगशाला में वैज्ञानिक मूल रूप से वायरोलोजी यानी जानवरों की बीमारी पता करने का काम करते रहे हैं. लेकिन इस साल मई से अब तक इस लैब में गोमांस के 2 दर्जन से अधिक सैंपल जांचे गये. लैब में वैज्ञानिक डॉ सुशीला मान का कहना है कि हम रियल टाइम पी सी आर तकनीक का करते हैं जिसमें सेंपल को डीएनए की जांच के आधार पर परखा जाता है.

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