उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand assembly election results) बीजेपी और कांग्रेस के बीच सत्ता को लेकर कड़ी टक्कर के आसार दिख रहे थे, लेकिन नतीजे आए तो सब हैरान रह गए. कांग्रेस की हार की टीस को पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Harish Rawat) दबा नहीं सके और उनका दर्द छलका उठा. कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड में पार्टी चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने रविवार को विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत न दिला पाने पर पीड़ा जाहिर की. रावत ने लिखा, वो कांग्रेस नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए जिन्होंने उन पर भरोसा जताया था. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में रावत ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वो पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का सामना कैसे करेंगे. उत्तराखंड में कांग्रेस 70 में से केवल 19 सीट तक सिमट गई, रावत खुद लालकुआं क्षेत्र से पराजित हो गए.
उत्तराखंड में बीजेपी 47 सीट पर विजय प्राप्त कर लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई है. 73 साल के रावत ने लिखा, दिल्ली जाने की कल्पना मात्र से मेरे पांव मन-मन भर भारी हो जाएं, कैसे सोनिया जी की चेहरे की तरफ देखूंगा. कितना विश्वास था उनका मुझ पर. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी कुछ कमियां रही होंगी, जो वह उनके इतने बड़े विश्वास को कायम नहीं रख पाए. अब वास्तविकता यह है कि हम हारे ही नहीं हैं, बल्कि हमारी हार और कई चिंताजनक संकेत दे रही है.
रावत ने कहा कि पार्टी को भविष्य की चुनौतियों से पार पाना है. उन्होंने कहा कि रणनीतिक रूप से कहीं पार्टी से चूक हो रही है जो वह बार-बार लोगों का विश्वास जीतने में विफल हो रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और संवैधानिक लोकतंत्र के सेवकों की निगाहें अब भी कांग्रेस पर टिकी हुई हैं. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार पर चर्चा के लिए रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं