शाह और ईरानी का उच्च सदन में पहुंचना तय माना जा रहा है लेकिन अहमद पटेल के लिए पेच फंसा हुआ है..
गांधीनगर:
कई दिन के नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बाद गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए तैयार है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव और प्रभावशाली नेता अहमद पटेल समेत अन्य के भविष्य का फैसला होना है. इस बार भाजपा ने पांचवें कार्यकाल के लिए किस्मत आजमा रहे पटेल के सामने अपने उम्मीदवार को उतार दिया है. सत्तारूढ़ भाजपा ने यहां तीन राज्यसभा सीटों के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उतारा है. राजपूत हाल तक सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे. उधर, अमित शाह ने गांधीनगर में कैंपेनिंग करते हुए सभी विधायकों से चार-पांच घंटे मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी उम्मीद कर रही है कि क्रॉस वोटिंग उसके पक्ष में होगी.
पढ़ें : क्या करना है और क्या नहीं, यह मेरे और अहमद पटेल का आपसी मामला : शंकर सिंह वाघेला
शाह और ईरानी का उच्च सदन में पहुंचना तय माना जा रहा है लेकिन राजपूत को जिताने और पटेल को हराने के लिए भाजपा को अतिरिक्त वोट हासिल करने होंगे. पटेल ने आज बेंगलूरू प्रवास से लौटे कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की. उन्होंने अपनी जीत का भरोसा जताया.
पढ़ें: अहमद पटेल को आखिर क्यों हराना चाहती है बीजेपी? जानें 5 वजहें...
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह चुनाव किसी की प्रतिष्ठा से नहीं जुड़ा. मुझे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है. कांग्रेस के इन 44 विधायकों के अलावा राकांपा के दो और जदयू के एक विधायक मेरे लिए वोट देंगे." इन विधायकों को अब आणंद जिले के एक रिजॉर्ट में रखा गया है. करीब डेढ़ दशक से अधिक समय से राज्य की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस हाल ही में पार्टी के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने से स्तब्ध रह गई थी. इसके बाद राजपूत समेत छह विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा देकर कांग्रेस को और झटका दे दिया. इनमें से तीन विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गये. राजपूत, वाघेला के रिश्तेदार हैं.
VIDEO : मुझे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा- अहमद पटेल
गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्यसभा की चुनावी जंग ने सियासी सरगर्मियां काफी बढ़ा दी हैं. अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 मत चाहिए. उनकी पार्टी के पास वर्तमान में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इनमें से कोई भी अगर क्रॉस वोटिंग नहीं करता है या नोटा विकल्प का प्रयोग नहीं करता है, उस स्थिति में भी कांग्रेस को पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त मत की जरूरत होगी.
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शाह और ईरानी का उच्च सदन में पहुंचना तय माना जा रहा है लेकिन राजपूत को जिताने और पटेल को हराने के लिए भाजपा को अतिरिक्त वोट हासिल करने होंगे. पटेल ने आज बेंगलूरू प्रवास से लौटे कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की. उन्होंने अपनी जीत का भरोसा जताया.
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह चुनाव किसी की प्रतिष्ठा से नहीं जुड़ा. मुझे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है. कांग्रेस के इन 44 विधायकों के अलावा राकांपा के दो और जदयू के एक विधायक मेरे लिए वोट देंगे." इन विधायकों को अब आणंद जिले के एक रिजॉर्ट में रखा गया है. करीब डेढ़ दशक से अधिक समय से राज्य की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस हाल ही में पार्टी के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने से स्तब्ध रह गई थी. इसके बाद राजपूत समेत छह विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा देकर कांग्रेस को और झटका दे दिया. इनमें से तीन विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गये. राजपूत, वाघेला के रिश्तेदार हैं.
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गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्यसभा की चुनावी जंग ने सियासी सरगर्मियां काफी बढ़ा दी हैं. अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 मत चाहिए. उनकी पार्टी के पास वर्तमान में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इनमें से कोई भी अगर क्रॉस वोटिंग नहीं करता है या नोटा विकल्प का प्रयोग नहीं करता है, उस स्थिति में भी कांग्रेस को पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त मत की जरूरत होगी.
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