लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर गुजरात के मंत्री के बेटे को फटकार लगाने के लिए लोगों की वाहवाही बटोरने वाली सूरत की महिला कांस्टेबल सुनीता यादव ने अब आईपीएस अधिकारी बनने की इच्छा जाहिर की है. यादव ने एक टीवी इंटरव्यू में दावा किया कि अगर उसके पास एक IPS अधिकारी की शक्तियां होतीं तो वह मंत्री के बेटे से जुड़े मामले को ज्यादा बेहतर तरीके से संभाल सकती थीं.
फिलहाल छुट्टी पर चल रही सुनीता मीडिया से दूरी बरकरार रख रही हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लोक सेवा की कठिन परीक्षा के लिये अपनी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिये छुट्टी की जरूरत थी. यह युवा कांस्टेबल तब सुर्खियों में आई जब कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन और कर्फ्यू के कथित उल्लंघन पर उसने मंत्री के बेटे और उसके दो दोस्तों को रोका था. यह पूरा मामला कैमरे पर कैद हो गया था.
उन्होंने कहा, 'आईपीएस अधिकारी बनना हमेशा से मेरा लक्ष्य था, लेकिन मुझे तैयारी के लिये ज्यादा वक्त नहीं मिलता था.'
सुनीता ने कहा, 'तभी तीन साल पहले मेरा चयन लोक रक्षक (तय वेतन कांस्टेबल) में हो गया. उस समय मुझे यह अहसास नहीं था कि रैंक भी महत्वपूर्ण होता है.' इस महिला कांस्टेबल का दावा है कि घटना के बाद उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया, जबकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उसके दावे से इनकार किया है.
VIDEO: गुजरात की कांस्टेबल सुनीता यादव बोलीं- मैं अपना फर्ज निभा रही थी
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