गुजरात की एक अदालत द्वारा 2002 दंगा मामले में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने की भाजपा ने नैतिक जीत बताते हुए प्रशंसा की है, जबकि कांग्रेस ने कहा कि कानूनी रास्ते का विकल्प अब भी खुला है, वहीं वामदलों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी मोदी को आपराधिक मामले में फंसाना चाहती है, क्योंकि वह राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकती।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि फर्जी बयानबाजी सबूत नहीं बन सकते हैं। असत्य और सत्य के बीच एक बुनियादी फर्क यह होता है कि सत्य के साथ सभी तथ्य एकसाथ रहते हैं, जबकि असत्य बिखर जाता है। उन्होंने कहा कि गुजरात के 2002 के दंगों के सिलसिले में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने से भाजपा के इस विचार की पुष्टि हुई है कि ये आरोप प्रचार और राजनीतिक दृष्टि से लगाए गए और इसमें कोई तथ्य नहीं थे।
उन्होंने कहा, हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ सकती है, इसलिए इस तरह के दुष्प्रचार करती रही है। जेटली ने कहा, पिछले 11 वर्षों में कांग्रेस पार्टी और उसके मित्र एनजीओ के दुष्प्रचार से मोदी अप्रभावित रहे और इस दौरान 2002, 2007 और 2012 के राज्य चुनाव में जबर्दस्त जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और प्रशासनिक कुशलता साबित करने के बाद मोदी को आज न्यायपालिक ने भी पाक-साफ करार देने की पुष्टि की है। यह भाजपा और नरेंद्र मोदी की नैतिक जीत है।
उल्लेखनीय है कि मोदी को बड़ी राहत देते हुए मेट्रोपोलिटन अदालत ने 2002 के दंगों के मामले में विशेष जांच टीम द्वारा उन्हें क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर जाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी। जेटली ने कहा कि इस फैसले से कुछ लोगों के वे आरोप गलत साबित हुए हैं, जिसमें कहा गया था कि गुजरात दंगों में मोदी की भूमिका थी।
अदालत के फैसले पर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि वे पीड़ितों के दर्द को समझ सकते हैं। सिब्बल के बयान पर जेटली ने कहा, हम सब लोग सभी दंगों के पीड़ितों के दर्द को समझते हैं, जिसमें 1984 के दंगों के पीड़ित भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यह पहली घटना है जब एक मुख्यमंत्री ने आरोप लगने के बाद अपने खिलाफ जांच आयोग गठित किया। इसके बाद गुजरात पुलिस ने जांच की, फिर विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच की और इसके सुप्रीम कोर्ट, न्याय मित्र ने जांच की।
जेटली ने कहा, इतनी जांच के बाद मोदी निर्दोष होकर बाहर निकले हैं। कांग्रेस के लोग इसकी तुलना 1984 के सिख विरोधी दंगे से करके देख सकते हैं।
उधर, कांग्रेस ने कहा कि यह नहीं माना जाना चाहिए कि अदालती फैसला 2002 के गुजरात दंगों के सिलसिले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट की 'पुष्टि' है और इस मामले में शिकायतकर्ता के लिए सभी कानूनी विकल्प अब भी खुले हुए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि शिकायतकर्ता इस आदेश को चुनौती देने की हकदार हैं। भाजपा के लिए इस फैसले को न्यायिक तथ्यों पर आखिरी शब्द मानना या पुष्टि बताना गलत तथा पूरी तरह से दिग्भ्रमित करने वाला है।
सिंघवी ने कहा कि उस समय तक जब कोई ऊपरी अदालत शिकायतकर्ता की शिकायत पर गौर कर रही है, मोदी को अस्थायी राहत मिली है और मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने विरोध याचिका को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि जहां तक जाकिया जाफरी मामले का सवाल है, कांग्रेस इस रुख पर कायम है कि वास्तविक घटना काफी भीषण और घृणित थी।
सिंघवी ने कहा कि जहां तक मोदी का सवाल है, यह मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट का फैसला है जिसने शिकायतकर्ता की याचिका को खारिज किया है। कांग्रेस को इस चरण में कुछ नहीं कहना है, क्योंकि शिकायतकर्ता के लिए सभी विकल्प खुले हैं।
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