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This Article is From Feb 05, 2017

गुजरात : तीन तलाक को औपचारिक रूप दिए जाने के लिए मुस्लिम महिला ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

गुजरात : तीन तलाक को औपचारिक रूप दिए जाने के लिए मुस्लिम महिला ने खटखटाया   अदालत का दरवाजा
तीन तलाक पर आजकल काफी बहस चल रही है...
अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट ने एक परिवार अदालत से कहा है कि वह एक मुस्लिम महिला के आवेदन पर तेजी से फैसला करे, जो औपचारिक तलाकनामा चाहती है. उसने कहा है कि उसके पति ने उसे ‘तीन तलाक’ दिया था.

जहां दंपती ने आपसी सहमति से तीन तलाक का विकल्प चुना था लेकिन निचली अदालत ने आवेदक रशीदाबेन रस्सीवाला को दीवानी प्रक्रिया संहिता के तहत तलाक का दस्तावेज देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि यह कानूनन वैध नहीं है. न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी ने परिवार अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया और उसे निर्देश दिया कि वह आठ सप्ताह में नए सिरे से आवेदनों पर फैसला करे.

रशीदाबेन की अब्बास लातीवाला से 2002 में शादी हुई थी. 2010 से दोनों अलग-अलग रहने लगे और अब्बास ने एक अन्य महिला से शादी कर ली. साल 2015 में रशीदाबेन ने पति द्वारा दिए गए ‘तीन तलाक’ को औपचारिक रूप देने के लिए तलाकनामा के लिए मुकदमा दायर किया था. अब्बास ने उसके दावे का समर्थन किया कि उन्होंने आपसी सहमति से तलाक लिया.

परिवार अदालत ने हालांकि आवेदन को खारिज कर दिया क्योंकि ‘तीन तलाक’ की कानूनी वैधता नहीं है और उसने तलाक का स्पष्ट सबूत नहीं दिया. रशीदाबेन ने तब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने अपने आदेश में परिवार अदालत के 25 जनवरी के आदेश को निरस्त कर दिया.
(भाषा की रिपोर्ट पर आधारित)

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