गुजरात के नए राज्यपाल ओपी कोहली के 'गुजरात स्थानीय प्राधिकार कानून विधेयक' पर हस्ताक्षर करने के साथ ही प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहां स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान करना अनिवार्य होगा।
यह विधेयक नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए ही विधानसभा में पारित हो गया था, लेकिन पूर्व राज्यपाल डॉक्टर कमला ने इसका विरोध किया था। यह विधेयक स्थानीय निकायों मे महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण भी प्रदान करता है।
राज्य विधानसभा के सचिव डीएम पटेल ने बताया, 'गुजरात के राज्यपाल ने 'गुजरात स्थानीय प्राधिकार कानून विधेयक' पर हस्ताक्षर कर दिया है और राज्य सरकार को इसे लागू करने की अनुमति दे दी है।' उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने तीन दिन पहले इस विधेयक को मंजूरी दी है।
विधेयक के अनुसार, स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान नहीं करने वालों को 'सजा दी जा सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।' इसमें व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात विधानसभा ने इस विधेयक को दो बार पारित किया था लेकिन तत्कालीन राज्यपाल ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि अनिर्वाय मतदान का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करता है।
पूर्व राज्यपाल डॉक्टर कमला ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किया था नए राज्यपाल कोहली ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है।
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