गुजरात में बनाई गई भारत की पहली 'स्टील सड़क', सूरत में बनी 6 लेन की 1 KM लंबी रोड

हर साल देश के अलग स्टील प्लांटों से 19 मिलियन टन कचरा निकलता है, एक अनुमान के मुताबिक 2030 में ये 50 मिलियन टन हो जाएगा.

नई दिल्ली:

देश में अलग-अलग स्टील प्लांट से हर साल 19 मिलियन टन स्टील का कचरा निकलता है. हालात ये हैं कि स्टील प्लांटों में कचरे के पहाड़ बन गए हैं. लेकिन अब इसी स्टील कचरे से सड़के बनेगीं. कई सालों की रिसर्च के बाद केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने स्टील के कचरे को प्रोसेस कर गिट्टी का निर्माण किया है. इसी गिट्टी से गुजरात में 1 किलोमीटर लंबी 6 लेन की सड़क तैयार की गई है. अब देश के बनने वाले हाइवे भी इसी स्टील के कचरे से बनेंगे.

गुजरात में हजीरा पोर्ट पर एक किलोमीटर लंबी ये सड़क पहले कई टन वजन लेकर चल रहे ट्रकों के चलते बदहाल थी, लेकिन एक प्रयोग के तहत इस सड़क को पूरी तरह स्टील के कचरे से तैयार किया गया. अब हर रोज 1000 से ज्यादा ट्रक 18 से 30 टन वजन लेकर गुजर रहे हैं. लेकिन सड़क जस की तस है. इस प्रयोग के बाद अब देश के हाइवे और दूसरी सड़कें स्टील से कचरे से बनाई जाएंगी, क्योंकि इससे बनी सड़कें काफी मजबूत होती हैं और खर्चा भी करीब 30 फीसदी कम आता है. सीआरआरआई के मुताबिक स्टील के कचरे से बनी सड़क की मोटाई भी 30 फीसदी कम हुई है. 

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दरअसल, हर साल देश के अलग स्टील प्लांटों से 19 मिलियन टन कचरा निकलता है, एक अनुमान के मुताबिक 2030 में ये 50 मिलियन टन हो जाएगा. इससे सबसे बड़ा खतरा पर्यावरण को है. इसीलिए नीति आयोग के निर्देश पर इस्पात मंत्रालय ने कई साल पहले केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान को इस कचरे के उपयोग का प्रोजेक्ट दिया. कई साल की रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने सूरत के AMNS स्टील प्लांट में  स्टील के कचरे को प्रोसेस करवाकर गिट्टी तैयार करवाई.